भदोही : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरु नानक देव की जयंती पर तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था, जिसके खिलाफ किसानों का आंदोलन बीते करीब एक साल से जारी है। समझा जाता है कि इसे लेकर संसद में विधेयक आगामी शीत सत्र के दौरान लाया जा सकता है, जो 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। इस बीच राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र और बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का ऐसा बयान सामने आया है, जिससे सवाल उठते हैं कि क्या यह कदम फौरी तौर पर उठाया गया है और क्या कृषि कानूनों को फिर से लाया जा सकता है?
राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र शनिवार को उत्तर प्रदेश के भदोही में थे, जब उन्होंने कृषि कानूनों को निरस्त करने के प्रधामनंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान को सकारात्मक तो बताया, लेकिन इसके संकेत भी दिए कि ऐसे कानून फिर लाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ये कानून किसानों के हक में बनाए गए थे, लेकिन किसानों के एक समूह को इसके सकारात्मक पहलुओं के बारे में समझाया नहीं जा सका। वे इन कानूनों को वापस लेने की जिद पर अड़े थे। ऐसे में सरकार ने इन्हें निरस्त करने का फैसला लिया। आगे इस मामले में जरूरत पड़ी तो फिर कानून बनाए जाएंगे।
क्या बोले राजस्थान के राज्यपाल?
विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के पीएम मोदी के ऐलान को सकारात्मक दिशा में उठाया गया कदम करार देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने साहस और हिम्मत के साथ इन कानूनों को निरस्त करने का प्रशंसनीय काम किया है। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने की जिद पर अड़े किसानों के आंदोलन के कारण देश में अजीब हालात पैदा हो गए थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह विचित्र स्थिति अब सामान्य हो पाएगी और किसान अपने घरों, अपने खेतों में लौट जाएंगे।
उन्होंने कहा, 'कृषि कानूनों के बारे में किसानों को समझाने का प्रयास किया गया। कोशिश की गई कि इसका जो सकारात्मक पक्ष है, किसानों को समझाया जाए। लेकिन किसान आंदोलित थे और इस बात पर अड़े थे कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए। अंत में सरकार को ये लगा कि कानून वापस लेकर फिर दोबारा कानून इस संबंध में बनाने की आवश्यकता पड़ी तो ऐसा किया जाएगा, लेकिन इस समय किसानों से संबंधित कानून, जिसे किसान वापस लेने की मांग कर रहे हैं, उसे वापस ले लेना चाहिए और इसे शालीनता पूर्वक वापस ले लिया गया। यह एक अच्छा कदम है।'
क्या बोले बीजेपी सांसद?
राजस्थान के राज्यपाल के साथ-साथ बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का भी ऐसा ही बयान सामने आया है। शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि बिल बनते हैं, बिगड़ते है, वापस आ जाएंगे, दोबारा बन जाएंगे। उनसे सवाल किया गया था कि कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला क्या चुनावों की वजह से लिया गया है? उन्होंने कहा कि जहां तक यूपी चुनाव की बात है, बीजेपी यहां 300 से अधिक सीटें जीतेगी। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के लिए राष्ट्र पहले है और उन्होंने राष्ट्रहित में ही यह फैसला लिया।
इस दौरान वह किसान आंदोलन पर तंज भी करते नजर आए, जब उन्होंने कहा कि किसानों के मंच से 'पाकिस्तान जिंदाबाद' और 'खालिस्तान जिंदाबाद' के नारे भी लगते रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषि बिल और राष्ट्र में से राष्ट्र को चुना और जिन लोगों के गलत मंसूबे थे, जो मंचों से 'खालिस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगा रहे, उन पर प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा कर अच्छा प्रहार किया है।