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Farmers Protest: किसान नेताओं को आंदोलन के बेपटरी होने का सता रहा है डर,आखिर क्या है वजह

Updated Dec 11, 2020 | 18:08 IST

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं। लेकिन जिस तरह से आंदोलन आगे बढ़ रहा है उन्हें डर भी सता रहा है कि यह आंदोलन कहीं जाट आंदोलन की तरह बिखर ना जाए।

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केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने खोला है मोर्चा
मुख्य बातें
  • दिल्ली की सीमा पर पिछले 16 दिन से डटे हुए हैं किसान, कृषि कानून का कर रहे हैं विरोध
  • 12 से 14 दिसंबर के बीच आंदोलन को और तेज करने का फैसला
  • किसान नेताओं को आंदोलन के बेपटरी होने का भी सता रहा है डर

नई दिल्ली। देश की जनता किसानों के आंदोलन का गवाह बन रही है। केंद्र सरकार के कृषि कानूनों से किसानों को ऐतराज है और उसे वापस लेने की मांग की जा रही है। किसानों की मांग के जवाब में सरकार का कहना है कि कोई भी कानून पूरी तरह खराब या गलत नहीं होता है। किसानों की आपत्ति के मद्देनजर बदलाव करने के लिए हम तैयार हैं। लेकिन किसान पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है। इन सबके बीच कुछ किसान नेताओं को लग रहा है लंबा खीच रहा आंदोलन कहीं अपने मकसद से भटक ना जाए और उसका हश्र जाट आंदोलन की तरह ना हो जाए। 

किसान नेताओं को आंदोलन के बेपटरी होने का डर
हरियाणा के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों को तोड़फोड़ नहीं करने की हिदायतें देते हुए उनसे अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और किसानों के प्रतिनिधियों की कमेटी में लिए गए सिर्फ तीन फैसलों पर ही अमल करें। उन्होंने आशंका जाहिर की है कि कुछ लोग अफवाह फैलाकर आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

आंदोलन पर उतरे किसानों को सचेत करते हुए कहा कि कहीं जाट आंदोलन की तहर ही किसान आंदोलन का हश्र न तो इसलिए प्रदर्शनकारी कहीं तोड़फोड़ न करें। चढ़ूनी ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से देशभर के किसानों से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने की अपील की है। उन्होंने कहा, ''हमारी पंचायत में आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए तीन फैसले लिए गए हैं।

ये फैसले हैं

1. रिलायंस की सीम पोर्ट करवाना है

2. देशभर में 12 दिसंबर को नौ बजे से लेकर शाम तक सारे टोल फ्री करवाना है और रोडजाम नहीं करना है।

3. देशभर में 14 दिसंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर धरना देना है।

प्रदर्शनकारियों से हिंसा से दूर रहने की अपील
चढ़ूनी ने कहा कि हमें शिकायतें मिली हैं कि कुछ लोग अपनी मर्जी से रिलायंस के टावर काटने, रिलायंस के मॉल बंद करने या वहां कुछ और करने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं। प्रदर्शनकारियों से इन अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी विनती है कि यह आंदोलन टूट न जाय और इसका हश्र जाट आंदोलन की तरह न हो, इसलिए ऐसा कोई कदम न उठाएं। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसा करवाना चाहती है।

जितना कमेटी कहे उतना ही काम करें
उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे उतना ही काम करें जितना कमेटी द्वारा कहा जाए। चढ़ूनी ने प्रदर्शनकारियों से सिर्फ कमेटी द्वारा दिए गए आदेशों व निदेशरें का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान जो भी तोड़फोड़ करेगा या आगजनी करेगा वह हमारा आदमी नहीं होगा उसको पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा।

बता दें कि किसान संगठन केंद्र सरकार द्वारा लागू तीन नये कानून, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को निरस्त करवाने की मांग कर रहे हैं। इसके लिए वो 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 16 दिनों से डटे हुए हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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