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Farmers Agitation: सर्द मौसम में सड़कों पर अन्नदाता, तारीख पर तारीख के बीच सवाल आखिर कौन है अड़ा

Updated Jan 05, 2021 | 09:09 IST

किसानों के साथ बातचीत की एक और तारीख मुकर्रर होगी। आगे का रास्ता क्या होगा इस संबंध में सिंघु बॉर्डर पर किसान नेता बैठक करने वाले हैं।

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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी
मुख्य बातें
  • 40 दिन से ऊपर हो चुका है किसानों का आंदोलन
  • कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों की स्पष्ट मांग, सरकार किसी भी सूरत में रद्द करे कानून
  • सरकार का नजरिया, एकतरफा फैसला नहीं लिया जा सकता

नई दिल्ली।  केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि किसानों को सरकार पर भरोसा है और नए कृषि कानूनों के संबंध में कोई भी निर्णय देशभर के किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के समग्र हितों को देखकर ही कानून बनाया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।

26 नवंबर से किसानों का आंदोलन जारी
नए कृषि कानूनों को रद्द करवाने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की गारंटी की मांग को लेकर किसान दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से आंदोलन कर रहे हैं और इस दौरान आंदोलन में शामिल 50 से ज्यादा किसान दम तोड़ चुके हैं। मगर, आंदोलन समाप्त करवाने को लेकर किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच हो रही वार्ता के लिए फिर एक तारीख तय हुई।राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रवक्ता अभिमन्यु कोहार ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि हर बार एक ही बात दोहराई जा रही है जिससे सरकार पर किसानों का भरोसा नहीं रह गया है। कुछ अन्य किसान नेताओं ने सरकार से भरोसा उठने की बात कही।


तारीख पर तारीख तय पर नतीजा सिफर
इस संबंध में पूछे गए सवाल पर तोमर ने कहा, "अगर सरकार पर भरोसा नहीं होता तो आठ तारीख की बैठक क्यों तय होती? सरकार और यूनियन दोनों की रजामंदी से आठ तारीख की बैठक तय हुई है। इसका मतलब किसानों का भरोसा सरकार पर है।"उन्होंने कहा कि किसान यूनियन के नेता नए कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े रहे, इस कारण वार्ता में कोई रास्ता नहीं निकल पाया, लेकिन उम्मीद है कि अगली बैठक में सार्थक चर्चा होगी। 

8 जनवरी बातचीत की अगली तारीख
कृषि मंत्री ने कहा कि 30 दिसंबर, 2020 को आयोजित पिछली बैठक में चर्चा हुई थी कि उनकी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए सरकार किसानों के मुद्दों का समाधान करने का हरसंभव प्रयास करने के लिए तत्पर है। साथ ही सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान के लिए हरसंभव प्रयासरत है। दोनों तरफ से कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। सरकार सभी सकारात्मक विकल्पों को ध्यान में रखते हुए विचार करने के लिए तैयार है।

बैठक में सरकार व किसान नेताओं में आपसी सहमति से यह तय किया गया कि आगे भी चर्चा जारी रहेगी। अगली बैठक 8 जनवरी, 2021 को दोपहर 2 बजे होगी।संसद के मानसून सत्र में कृषि से संबंधित तीन अहम विधेयकों के दोनों सदनों में पारित होने के बाद इन्हें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के रूप सितंबर में लागू किया गया। मगर अध्यादेश के आध्यम से ये कानून पांच जून से ही लागू हो गए थे।

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