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संयुक्त किसान मोर्चा की हुई बैठक, MSP समेत अन्य मांगों को लेकर जारी रहेगा किसान आंदोलन, 29 नवंबर को होने वाली ट्रैक्टर मार्च स्थगित

Updated Nov 27, 2021 | 15:42 IST

Farmers Protest: किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में तय किया है कि किसान आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि सरकार MSP समेत अन्य मांगों पर उनके साथ बातचीत शुरू नहीं करती है।

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किसान आंदोलन
मुख्य बातें
  • MSP पर कानून बनने तक किसान आंदोलन जारी रहेगा: किसान नेता
  • किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं: SKM
  • SKM की अगली बैठक 4 दिसंबर को होगी

Kisan Andolan: किसान आंदोलन के भविष्य को लेकर आज संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक हुई। दिल्ली में बीकेयू नेता राजवीर सिंह जादौन ने बताया कि एसकेएम की आज की बैठक में हमने तब तक विरोध जारी रखने का फैसला किया है जब तक सरकार एमएसपी, विरोध के दौरान किसानों की मौत और लखीमपुर हिंसा मामले पर हमारे साथ बातचीत नहीं करती है। हम आज सरकार की घोषणाओं से सहमत नहीं हैं। दिल्ली में बैठक के बाद संयुक्त किसान मोर्चा का कहना है कि वह 4 दिसंबर को अपनी अगली बैठक में आगे की कार्रवाई तय करेगा। 

एक किसान नेता ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को राज्य सरकारों और रेलवे को विरोध के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का निर्देश देना चाहिए। किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा ने 29 नवंबर को होने वाली ट्रैक्टर मार्च (संसद तक) को स्थगित करने का फैसला किया है। 

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आज की किसान संयुक्त मोर्चा की बैठक में 2-3 बातों पर चर्चा हुई है जैसे MSP की गारंटी, किसानों पर मुकदमे जो दर्ज हुए हैं उनको वापस लेने पर, जिन किसानों की मृत्यु हुई उनको मुआवज़ा देने पर और बिजली बिल के वापस लेने पर बातें हुईं हैं। उन्होंने कहा कि अगर मनोहर लाल खट्टर ऐसा कह रहे हैं कि MSP देना संभव नहीं है तो हो सकता है कि वह हमें यहां से जाने नहीं देना चाहते हों, हो सकता है उनको इस आंदोलन को आगे भी चले रहने देने का मन हो। 

इससे पहले आज केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि संसद सत्र के शुरू होने के दिन तीनों कृषि कानूनों को संसद में रद्द करने के लिए रखे जाएंगे। प्रधानमंत्री ने जीरो बजट खेती, फसल विविधीकरण, MSP को  प्रभावी, पारदर्शी बनाने जैसे विषयों पर विचार करने के लिए समिती बनाने की घोषणा की है। इस समिति में आंदोलनकारी किसानों के प्रतिनिधि भी रहेंगे।

उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने पराली जलाने पर किसानों को दंडनीय अपराध से मुक्त किए जाने की मांग की थी। भारत सरकार ने यह मांग को भी मान लिया है। तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद मैं समझता हूं कि अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है, इसलिए मैं किसानों और किसान संगठनों से निवेदन करता हूं कि वे अपना आंदोलन समाप्त कर, अपने-अपने घर लौटें। इस समिति के गठन से एमएसपी पर किसानों की मांग पूरी हो गई है। 

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