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किसानों ने खोद डाला दुष्यंत चौटाला के हेलीकॉप्टर के लिए बना हेलीपैड, गाड़ दिए काले झंडे

Updated Dec 24, 2020 | 20:40 IST | भाषा

Dushyant Chautala: किसानों के विरोध के मद्देनजर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का उनके निर्वाचन क्षेत्र उचाना का दौरा बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया गया।

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हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला

जींद: किसानों के विरोध के मद्देनजर हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का उनके निर्वाचन क्षेत्र उचाना का दौरा बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया गया। सू्त्रों ने बताया कि उचाना में जिस स्थान पर उनके हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड बनाया गया था, वहां किसानों ने कथित तौर पर गड्डे खोदकर काले झंड़े गाड़ दिये। करसिंधू गांव में युवा किसान काफी संख्या में एकत्रित हुए और अपने हाथों में काले झंडे लेकर बस अड्डे के मुख्य रास्ते पर आकर नारेबाजी भी की।

किसानों ने आरोप लगाया कि चौटाला केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का साथ नहीं दे रहे हैं और इसलिए उनका विरोध करने का फैसला लिया गया। इस बीच एसडीएम, उचाना राजेश कोथ ने बताया कि उपमुख्यमंत्री चौटाला का करसिंधु में हेलीकॉप्टर से आने का कार्यक्रम था और इसके लिए शिवानिया पब्लिक स्कूल में हेलीपैड भी बनाया गया था। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को प्रस्तावित कार्यक्रम रद्द होने की सूचना मिली है।

कृषि कानूनों में संशोधन की जरूरत: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री

वहीं दुष्यंत चौटाला ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों में कई संशोधनों की जरूरत है। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों से "ठोस सुझाव" देने का अनुरोध किया। जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता ने दोहराया कि जिस दिन उन्हें लगेगा कि वह हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने में अक्षम हैं, उस दिन पद से इस्तीफा दे देंगे। चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'मेरा मानना है कि (कानूनों में) कई संशोधन होने चाहिए। इसपर, हमने केंद्र सरकार को पहले कई सुझाव दिए हैं और वे भी कई सुझावों पर सहमत थे। मेरे ख्याल से केंद्र सरकार उन संशोधनों को शामिल करने के लिए तैयार है।'

वार्ता के लिए आगे आएं किसान

चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार बार-बार किसान संघों को बातचीत के लिए आमंत्रित कर रही है और अपनी मांग के संबंध में "ठोस सुझाव" देने की जिम्मेदारी इन संघों की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदर्शनकारी किसान तीन कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार के साथ वार्ता बहाल करेंगे। चौटाला ने कहा, "जब केंद्र सरकार बातचीत के लिए तैयार है तो पहले छह दौर की वार्ता कर चुके किसान संघों को आगे आना चाहिए। कोई भी आंदोलन बिना बातचीत किए कभी खत्म नहीं हुआ है।'
 

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