- 11 बजे से 4 बजे तक केएमपी को किसान जाम करेंगे
- किसान संगठनों का कहना है कि सरकार राजहठ पर है तो उन्हें झुकाना भी आता है
- किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे होने के बाद भी सार्थक नतीजा नहीं
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के 100 दिन शुक्रवार को पूरे हो गए। लेकिन नतीजा कुछ ना निकला। किसान अपनी जिज पर अडे़ हुए सरकार की नजरों में तो किसानों को लगता है कि सरकार राजहठ में है और उसे झुकाने के लिए वोट की चोट देनी पड़ेगी। इन सबके बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि वो आज केएमपी यानी कुंडली, मानेसर पलवर पेरिफेरल को 11 बजे से 4 बजे तक जाम करेगा। इन सबके बीच पलवल के किसानों ने भी केजीपी को जाम करने का फैसला किया है।
11 से 4 बजे तक चक्का जाम
किसान संगठनों का कहना है कि 6 मार्च को सुबह 11 बजे से लेकर शाम चार बजे तक किसी भी वाहन को नहीं निकलने दिया जाएगा।इसके अलावा धरने को कामयाब बनाने के लिए किसानों के अलग अलग दल ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं। किसान संगठनों का कहना है कि आंदोलन की कामयाबी इस बात पर निर्भर करेगी कि कितनी संख्या में किसान उनके साथ जुड़ते हैं।
6 मार्च के बाद ये खास दो कार्यक्रम
- 8 मार्च को महिला किसान दिवस
- 15 मार्च को निजी करण विरोधी दिवस मनाया जाएगा
राकेश टिकैत का क्या कहना है
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि वो आज भी चाहते हैं कि सरकार एमएसपी को कानूनी शक्ल दे दे और इसके साथ ही तीनों कृषि कानूनों को वापस ले ले। आंदोलन को खत्म करने की जिम्मेदारी अब सरकार के हाथ में है। सरकार अगर बातचीत की भाषा को नहीं समझती है तो हमें दूसरे रास्ते भी आते हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने कह दिया है कि किसान अपने अनाज को कहीं भी बेच सकते हैं को तो वो अब संसद भवन को ही मंडी बनाएंगे। इसके साथ ही कहा कि बीजेपी वोट की भाषा समझती है तो उसे वोट की चोट देकर दुरुस्त किया जाएगा।