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कोरोना: इस जंग में डॉक्टरों का जज्बा है काबिलेतारीफ, इस Video को देखकर आपको होगा एहसास

Updated Apr 11, 2020 | 12:27 IST

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सरकारी मशीनरी के साथ लोग भी पूरे जोशो-खरोश के साथ लगे हुए हैं वहीं कोविड 19 का इलाज कर रहे है डॉक्टरों और सपोर्टिंग स्टॉफ का जज्जा भी इस संकट में देखने लायक है।

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पीपीई किट पहनकर काम करना कितना मुश्किल है ये एक डॉक्टर ही जानता है

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में सरकार की पूरी मशीनरी दिन रात युद्धस्तर पर काम करने में जुटे हैं। देश के करोड़ों लोगों के जीवन की रक्षा के लिए डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और सफाईकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की सेवा में इस उद्देश्य से जुटे हैं कि लोग कोरोना को मात देकर सकुशल घर वापस लौट जाएं। लेकिन कोरोना संक्रमित मरीजों और उनके परिवार के लोगों के चेहरे पर मुस्कान देखने के लिए क्या गंवा रहे हैं कितना त्याग कर रहे हैं इसकी तस्दीक आपको एक वीडियो देखकर हो जाएगी। 

डॉक्टर अपनी सुरक्षा के लिए लगातार पीपीई किट मांग रहे हैं जिससे कि वो संक्रमित होने के डर के बगैर अपना काम और बेहतर तरीके से कर सकें। लेकिन पीपीई किट पहनकर काम करना भी कितना मुश्किल है ये आपको इस वीडियो को देखकर पता चलेगा। प्लास्टिक जैसे पदार्थ से बनी ड्रेस को पहनकर ड्यूटी करने में कितना परेशानी भरा है।

इस वीडियो में दिखाई दे रहे व्यक्ति का नाम डॉक्टर प्रफुल्ल ताम्रकार है ये छत्तीसगढ़ के राजनंदगाव स्थित स्वर्गीय अटल बिहारी वायपेयी मेडिकल कॉलेज में हैं। इनकी ड्यूटी कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज में लगी है। इस अस्पताल में पांच डॉक्टरों की टीम लगाई गई है। जहां इसे उतारते वक्त दिख रहा है कि कपड़े पूरी तरह पसीने से भीग चुके हैं। रोम रोम पसीने में डूबा है। लेकिन उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है।

सूट के साथ-साथ बचाव के लिए तीन लेयर का मास्क पहनकर सांस लेना भी डॉक्टरों के लिए मुश्किल हो जाता है। ऐसे में शरीर से उत्सर्जित होने वाली कार्बन डाई ऑक्साइड भी बाहर नहीं निकल पाती है जिसके कारण ड्यूटी के बाद सिर में दर्द जैसी समस्या भी हो रही है। नींद नहीं आ रही इसके लिए नींद की गोलियों का भी सहारा लेना पड़ रहा है जिससे के अगले दिन वो मरीजों का इलाज उसी समर्पण के साथ कर सकें। 

लेकिन जिस तरह डॉक्टरों का सपोर्ट न करने और उनके साथ मारपीट करने जैसी खबरें मध्यप्रदेश के इंदौर, कानपुर और अन्य हिस्सों से आई हैं। कई जगह के मामले तो तब्लीगी जमात के लोगों से भी जुड़े हैं जो मेडिकल स्टाफ के ऊपर थूक रहे हैं, ये बेहद शर्मनाक है। 

सही मायनों में कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने वाले सिपाही सीमा पर लड़ने वाले सैनिकों की तरह परमवीर चक्र पाने के हकदार हैं। हम और आप इनके जैसे देश भर में कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ का धन्यवाद केवल और केवल घर पर रहकर कर सकते हैं और उनके प्रति आभार जता सकते हैं। 

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