नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष और 19 अन्य लोगों के खिलाफ विश्वविद्यालय के सर्वर रूम में कथित रूप से तोड़फोड़ करने और सुरक्षा गार्ड पर हमला करने के लिए एफआईआर दर्ज की है। इसकी शिकायत जेएनयू प्रशासन ने की थी। एफआईआर 5 जनवरी को दर्ज की गई थी। एफआईआर में जेएनयू प्रशासन का दावा है कि हॉस्टल फीस में पिछले साल की बढ़ोतरी पर आंदोलनरत छात्रों ने सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बाधा डालने के प्रयास में एक कंप्यूटर सर्वर रूम में तोड़फोड़ की और तकनीकी कर्मचारियों को धमकाया। कथित घटना करीब 60 से 80 नकाबपोश व्यक्तियों की भीड़ द्वारा हमला करने से एक दिन पहले हुई थी।नकाबपोश व्यक्ति लोहे की छड़ों और स्लेजहैमर्स से लैस थे, जेएनयू के अंदर छात्रों पर क्रूरतापूर्वक हमले में किए, जिसमें जेएनयू की अध्यक्ष आइशी घोष समेत 34 लोग घायल हो गए थे।
दो एफआईआर दर्ज की गईं। एक 3 जनवरी को और दूसरा 5 जनवरी को। जिसमें सुश्री घोष का नाम है। यह स्पष्ट नहीं है कि एफआईआर में कितने का नाम लिया गया है, हालांकि यह भी सर्वर रूम की घटना से जुड़ा है। 5 जनवरी की एफआईआर के अनुसार, सुश्री घोष और अन्य शारीरिक हिंसा में लिप्त थे। उसने महिला गार्ड को धक्का दिया और धमकी दी।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों का दावा है कि तकनीकी कर्मचारियों ने शनिवार सुबह संचार और सूचना (सीआईएस) परिसर में प्रवेश किया, क्योंकि छात्रों ने कथित तौर पर एक दिन पहले सर्वर को निष्क्रिय कर दिया था। कर्मचारियों को ऑनलाइन सर्वर वापस मिल गए लेकिन उन्होंने दावा किया कि बदमाशों के एक ग्रप ने दोपहर 1 बजे के करीब कमरे में फिर से प्रवेश किया और उन्हें फिर से क्षतिग्रस्त कर दिया। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि शाम 4 बजे के करीब दूसरी बार सर्वर रिस्टोर किया गया।
जेएनयू छात्र संघ ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने सर्वर रूम को नष्ट करने और छात्रों पर हमला करने के लिए "नकाबपोश" सुरक्षा गार्ड का इस्तेमाल किया। जेएनयूएसयू ने आरोप लगाया था कि वे शर्मनाक तरीके से मास्क पहने हुए थे। जेएनयूएसयू के अध्यक्ष को खुलेआम थप्पड़ मारा गया था।
जेएनयू प्रशासन ने दावा किया है कि सर्वर की घटना हॉस्टल फीस में बढ़ोतरी को लेकर छात्रों और विश्वविद्यालय के बीच जारी गतिरोध से संबंधित है। विश्वविद्यालय ने यह भी दावा किया है कि रविवार की हिंसा सर्वरों पर हमले से जुड़ी थी।