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नॉर्थ पोल को पार कर भारत पहुंची जांबाज महिला पायलटों की ब्रिगेड, रचा अनूठा इतिहास

Updated Jan 11, 2021 | 07:17 IST

चार महिला पायलटों के साथ, एअर इंडिया का विमान जैसे ही सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंड हुआ था उसने एक इतिहास रच दिया।

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नॉर्थ पोल पार कर भारत पहुंची महिला पायलटों की टीम,रचा इतिहास
मुख्य बातें
  • नॉर्थ पोल क्रॉस कर बेंगलुरु पहुंची एअर इंडिया की फ्लाइट
  • चालक दल की चार महिला सदस्यों ने रचा इतिहास
  • एअर इंडिया ने ट्वीट कर कहा- वेलकम होम, हमें आप सभी पर गर्व है

बेंगलुरु: एअर इंडिया की चार महिला पायलटों की टीम ने इतिहास रच दिया है।  यह टीम अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को उड़ान भरकर जैसे ही लगभग 16,000 किलोमीटर की दूरी तय कर आज सुबह बेंगलुरु केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरी तो उनका भव्य स्वागत किया गया। इस टीम ने कोई आम उड़ान नहीं भरी बल्कि यह नॉर्थ पोल के ऊपर से उड़ान भरते हुए इंडिया पहुंची है और पहली बार ऐसा हुआ है कि महिला पायलटों के चालक दल दल की टीम ने नॉर्थ पोल के ऊपर से उड़ान भरी है। 

एअर इंडिया ने किया स्वागत

यह उड़ान कितनी खास थी इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि विमान के रवाना होने से लेकर भारत पहुंचने तक एअर इंडिया इसके पल-पल के अपडेट ट्वीट कर दे रहा था। भारत पहुंचते ही एअर इंडिया ने ट्वीट कर कहा कि, 'वेलकम होम, हमें आप सभी (महिला पायलटों) पर गर्व है। हम AI176 के पैसेंजर्स को भी बधाई देते हैं, जो इस एतेहासिक सफर का हिस्सा बने।'

पायलटों को है गर्व

चार महिला पायलटों की टीम में शामिल शिवानी मन्हास ने एएनआई से बात करते हुए कहा, 'यह एक रोमांचक अनुभव था क्योंकि यह पहले कभी हासिल नहीं हुआ था। यहां पहुंचने में लगभग 17 घंटे लग गए।'

कैप्टन शिवानी

वहीं इस फ्लाइट का संचालन करने वाली कैप्टन जोया अग्रवाल ने इसे ऐतिहासिक लम्हा बताते हुए कहा, 'आज, हमने न केवल उत्तरी ध्रुव (नॉर्थ पोल) पर उड़ान भरकर इतिहास नहीं बनाया है, बल्कि सभी महिला पायलटों ने इसे सफलतापूर्वक अंजाम भी दिया। हम इसका हिस्सा बनकर बेहद खुश और गर्व महसूस कर रहे हैं। इस रूट के जरिए 10 टन ईंधन बचाया है।'

कैप्टन जोया

क्या खास हैं उड़ान में
आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस उड़ान में ऐसा क्या खास है जिसकी इतनी चर्चा हो रही है, क्योंकि महिला पायलट पहले भी उड़ान भरती रही हैं। हम आपको बताते हैं कि यह क्यों खास है। दरअसल उत्तरी ध्रुव (नॉर्थ पोल) में उड़ान भरना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है और इसके लिए आपको टेक्निकल के साथ-साथ अनुभव और दक्षता की जरूरत पड़ती है। इसलिए विमान कंपनियां इस रूट पर अपने सर्वश्रेष्ठ और अनुभवी पायलटों को ही भेजती हैं।

कैप्टन थनमई

 हर पायलट का सपना

उड़ान भरने से पहले मीडिया से बात करते हुए विमान का संचालन करने वाली कैप्टन जोया अग्रवाल ने कहा, 'कैप्टन पी थानमाई, कैप्टन आकांक्षा सोनावरे और कैप्टन शिवानी मन्हास जैसी अनुभवी महिलाओं की टीम पर मुझे बहुत फख्र है। पहली बार सभी महिला पायलटों की टीम उत्तरी ध्रुव से ऊपर से उड़ान भरेगी और अपने तरह का एक इतिहास बनाएंगी। यह एक ऐसे सपने के साकार होने जैसा है जो हर पेशेवर पायलट देखता है।'

आपको बता दें कि एअर इंडिया के इस विमान ने सैन फ्रांसिस्को से रात 8.30 बजे (स्थानीय समयानुसार) उड़ान भरी और यह भारतीय समयानुसार सोमवार तड़के 3.45 बजे बेंगलुरु पहुंची। सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु की यह नॉन-स्टॉप फ्लाइट करीब 17 घंटे में पूरी हुई।

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