- जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती हुई रिहा
- आर्टिकल 370 हटने के बाद मुख्यधारा के कई नेताओं को किया था नजरबंद
- महबूबा मुफ्ती ने रिहाई के लिए खटखटाया था कोर्ट का भी दरवाजा
नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को रिहा कर दिया गया है इस बात की जानकारी राज्य प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने दी। आर्टिकल 370 हटाने के बाद से ही महबूबा पिछले एक साल से नजरबंद थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) की अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) पिछले साल जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा देने वाली अनुच्छेद 370 खत्म करने के साथ ही 5 अगस्त 2019 से महबूबा मुफ्ती नजरबंदी में थीं। कुछ समय पहले उन्होंने रिहाई के लिए महबूबा मुफ्ती ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
महबूबा ने किया ट्वीट
महबूबा ने इसके बाद ट्वीट करते हुए लिखा, 'मुझे एक वर्ष से अधिक समय के बाद रिहा किया गया है। इस समय के दौरान, मैंने हमेशा अनुच्छेद 370 को रद्द करने के केंद्र के क्रूर निर्णय के बारे में सोचा। सरकार को विशेष दर्जा वापस लेना होगा और देश के कई हिस्सों में जेलों में बंद लोगों को रिहा करने के लिए कदम उठाने होंगे। मुझे पता है कि यह आसान नहीं होगा, लेकिन हम सभी को वापस लड़ना होगा।'
महबूबा की रिहाई पर उनकी बेटी इल्तिजा ने ट्वीट किया, 'महबूबा मुफ्ती की गैरकानूनी हिरासत की अवधि खत्म होने के साथ ही मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिन्होंने इस दौरान मेरा साथ दिया। मैं आप सभी की अहसानमंद हूं। अब मैं इल्तिजा, इस अकाउंट से साइन ऑफ कर रही हूं।'
कई बार बढ़ी थी अवधि
महबूबा मुफ्ती की हिरासत की अवधि 6 फरवरी को समाप्त होने के बाद उन पर पब्लिक सेक्युरिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद उनकी नजरबंदी की अवधि बढ़ गई थी। पब्लिक सेफ्टी एक्ट 1978 में जम्मू-कश्मीर में लागू कर दिया गया था। पहले उन्हें हरि निवास में रखा गया था और उसके बाद उन्हें चश्माशाही स्थित एक सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया।
तमाम नेता लिए गए थे हिरासत में
आपको बता दें कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म किए थे। एहतियात के तौर पर सरकार ने राज्य के तमाम नेताओं को हिरासत में ले लिया था। हिरासत में लिए गए नेताओं में राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, फारूख अब्दुल्ला सहित कई नेता शामिल थे। उमर और फारूख अब्दुल्ला को पहले ही रिहा किया जा चुका है।
महबूबा 370 हटाए जाने का खुलकर विरोध करती आई हैं और इन्होंने इस अनुच्छेद को लेकर केंद्र सरकार को चेतावनी भी दी थी। इसे लेकर महबूबा की बेटी इल्तिजा ने सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार राज्य के तीनों मुख्यमंत्रियों को देश विरोधी साबित करना चाहती है। उन्होंने कहा था कि इसी बीजेपी के साथ उन्होंने सरकार बनाई थी और अब बीजेपी उन्हें देशविरोध कर रही है।