- कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के निशाने पर हैं हिंदू
- हाल ही में कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता भारती की हत्या कर दी गई
- कश्मीरी पंडितों ने घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग उठाई है
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर पुलिस के पूर्व डीजीपी शीश पॉल वैद ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक हिंदुओं और मुस्लिम समुदाय के बीच कमजोर वर्गों को हथियार देने का समर्थन किया है ताकि वे खुद को आतंकवादी हमलों से बचा सकें। हाल ही में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता भारती की हत्या के कुछ दिनों बाद ये बयान आया है।
'इंडिया टुडे' के साथ बातचीत में वैद ने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं के अल्पसंख्यक समुदाय के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए सभी विकल्पों की खोज की जानी चाहिए। समुदाय के लोगों को हथियार प्रदान किए जाने चाहिए और उन्हें हथियारों की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए ताकि वे खुद को आतंकी हमलों से बचा सकें। पूर्व DGP ने कहा, 'कश्मीर घाटी में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के साथ-साथ मुसलमानों के कमजोर वर्ग को हथियार प्रदान करने और हथियारों का प्रशिक्षण देने में कोई बुराई नहीं है।'
एसपी वैद ने किया था वीडीसी का गठन
उन्होंने कहा, 'घाटी में ग्राम रक्षा समितियों (VDC) का गठन किया जा सकता है। हालांकि, इसके लिए विस्तृत योजना की आवश्यकता होती है। कश्मीर घाटी में वीडीसी का गठन मुश्किल है, लेकिन असंभव नहीं है।' पूर्व डीजीपी ने बताया कि कैसे वह 1995 में उधमपुर के एसएसपी थे और बागनकोट गांव में पहली वीडीसी बनाने में सहायक थे, जो उस समय उधमपुर जिले का हिस्सा था। यह क्षेत्र 90 के दशक की शुरुआत में आतंकवाद से पीड़ित था। एसपी वैद ने कहा कि बाद में जम्मू डिवीजन के चिनाब घाटी क्षेत्र में जम्मू-कश्मीर सरकार के आदेश के माध्यम से वीडीसी का गठन किया गया, जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं।
पंडिता की मौत से लोगों में रोष
कश्मीरी हिंदू सरपंच अजय पंडिता भारती की निर्मम हत्या के बाद से कई विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने मांग की है कि सरकार को घाटी में हिंदुओं को हथियार बांटना चाहिए क्योंकि वे आतंकवादियों के सॉफ्ट टारगेट हैं। अजय अनंतनाग जिले के लरकीपोरा इलाके में आने वला लुकबावन पंचायत हल्का के सरपंच थे। 40 वर्षीय पंचायत सदस्य की हत्या पर इलाके में रोष व्याप्त है। 8 जून को अजय की हत्या की गई। उनकी अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। पंडिता की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों के समूह ने घाटी में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग उठाई है।