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IAF Rafale: वायरस नहीं रोक पाएगा भारत के राफेल की उड़ान! तय समय पर ही फाइटर जेट देगा फ्रांस

Updated May 25, 2020 | 00:49 IST

Indian Air Force Rafale fighter Jet: ऐसी आशंकाएं थीं कि महामारी के कारण राफेल जेटों की डिलीवरी में देरी हो सकती है लेकिन फ्रांस के राजदूत ने साफ कर दिया है कि ऐसा बिल्कुल नहीं होगा।

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तस्वीर साभार:&nbspGetty Images
भारत को राफेल मिलने में नहीं होगी देरी

नई दिल्ली: भारत में 36 राफेल जेटों की डिलीवरी में कोई देरी नहीं होगी क्योंकि फाइटर जेट्स की आपूर्ति के लिए तय समय सीमा का सख्ती से पालन किया जाएगा। फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनिन ने इस बारे में जानकारी दी है। फ्रांस कोरोनो वायरस के संक्रमण से खासे प्रभावित देशों में शामिल है और यहां वायरस से 1,45,000 से अधिक लोग संक्रमित हुए हैं, जबकि मरने वालों का आंकड़ा 28 हजार से ज्यादा है। ऐसी आशंकाएं थीं कि महामारी के कारण राफेल जेटों की डिलीवरी में देरी हो सकती है।

हालांकि, फ्रांस के राजदूत लेनिन ने कहा कि जेट की डिलीवरी के लिए मूल समय सीमा का पालन किया जाएगा। लेनिन ने पीटीआई भाषा से कहा, 'राफेल जेट के कॉन्ट्रैक्ट डिलीवरी शेड्यूल का अब तक पूरी तरह से पालन किया गया है, और वास्तव में एक और नया विमान अनुबंध के अनुसार, फ्रांस में अप्रैल के अंत में भारतीय वायु सेना को सौंप दिया गया था।' गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 अक्टूबर को फ्रांस के एक एयरबेस में पहला राफेल जेट प्राप्त किया था।

फ्रांस के राजदूत ने कहा, 'हम जल्द से जल्द फ्रांस से भारत के लिए अपने पहले चार राफेल की उड़ान की व्यवस्था करने में भारतीय वायु सेना की मदद कर रहे हैं। तो कोई कारण नहीं है कि यह अनुमान लगाया जाए कि तय कार्यक्रम को बनाए रखने में कोई परेशानी आएगी।'

(Photo Credit- Getty Images)

58 हजार करोड़ में हुई थी घातक हथियार वाले 36 राफेल की डील: भारत ने लगभग 58,000 करोड़ रुपS की लागत से 36 राफेल लड़ाकू जेट की खरीद के लिए सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ एक अंतर-सरकारी समझौते के तहत की थी। यह विमान भारतीय वायुसेना की युद्धक क्षमता में काफी इजाफा करेगा। विमान कई शक्तिशाली हथियारों से लैस होने में सक्षम है।

मीटियोर और स्कैल्प मिसाइल से लैस: यूरोपीय मिसाइल निर्माता MBDA की हवा से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मीटियोर मिसाइल और स्कैल्प क्रूज़ मिसाइल राफेल जेट के हथियार पैकेज के साथ भारत को मिलने वाले हैं।

मीटियोर बीवीआर एयर-टू-एयर मिसाइल (बीवीआरएएएम) की अगली पीढ़ी है जिसे एयर-टू-एयर कॉम्बैट में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यूके, जर्मनी, इटली, फ्रांस, स्पेन और स्वीडन के खतरों का मुकाबला करने के लिए एमबीडीए द्वारा हथियार विकसित किया गया है।

आधुनिक रडार के साथ और भी घातक: एक उन्नत सक्रिय रडार से निर्देशित होने से मीटियोर तेजी से जेट से लेकर छोटे मानव रहित विमानों और क्रूज मिसाइलों तक कई तरह के लक्ष्यों को सभी मौसम में ध्वस्त कर सकती है।

मिसाइल सिस्टम के अलावा, राफेल जेट में भारत के लिए विशेष बदलाव भी किए गए हैं, जिसमें इजरायल हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, रडार चेतावनी रिसीवर, लो बैंड जैमर, 10 घंटे की उड़ान डेटा रिकॉर्डिंग, इन्फ्रा-रेड सर्च और ट्रैकिंग सिस्टम शामिल हैं।

भारतीय वायुसेना स्वागत के लिए तैयार: भारतीय वायुसेना ने लड़ाकू विमान का स्वागत करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे और पायलटों के प्रशिक्षण सहित सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

वायुसेना की पहली राफेल स्क्वाड्रन सबसे रणनीतिक ठिकानों में से एक माना जाने वाला अंबाला वायुसेना स्टेशन पर तैनात किया जाएगा। भारत-पाक सीमा वहां से लगभग 220 किलोमीटर दूरी पर है। राफेल का दूसरा स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल में हासीमारा बेस पर तैनात किया जाएगा जो चीन की सीमा के करीब है।

आईएएफ ने दो ठिकानों पर हैंगर और रखरखाव की सुविधा जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने के लिए लगभग 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 36 राफेल जेट में से 30 फाइटर जेट होंगे जबकि छह ट्रेनर विमान होंगे। ट्रेनर जेट दो सीट वाले होंगे जिसमें फाइटर जेट्स की लगभग सभी विशेषताएं होंगी।

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