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Congress general secretaries: कांग्रेस महासचिवों की सूची से गुलाम नबी आजाद का नाम गायब, क्या खत का है असर

Updated Sep 11, 2020 | 22:46 IST

Congress genral secretary list:कांग्रेस ने महासचिवों की सूची जारी की है जिसमें गुलामनबी आजाद का नाम ड्राप किया गया है, हालांकि उनके साथ मल्लिकार्जुन खड़गे का भी नाम शामिल है।

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गुलामनबी आजाद ने खत के जरिए जताई थी नाराजगी
मुख्य बातें
  • कांग्रेस महासचिवों की लिस्ट से गुलामनबी आजाद का नाम गायब, सुरजेवाला का कद बढ़ा
  • प्रियंका गांधी को पहले की तरह यूपी का प्रभार, जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल की जिम्मेदारी
  • हरीश रावत को पंजाब, अजय माकन को राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई।

नई दिल्ली। अभी कुछ दिनों पहले कांग्रेस में बवाल एक खत को लेकर था। खत का मजमून यह था कि अब पार्टी का हाल और हुलिया दोनों बदलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है को अगले 50 साल तक विपक्ष में ही रहना होगा। उस खत पर कद्दावर लोगों के दस्तखत थे जिसमें गुलामनबी आजाद के साथ कपिल सिब्बल और शशि थरूर के भी हस्ताक्षर थे। कांग्रेस की तरफ से जनरल सेक्रेटरी की एक सूची जारी की गई है जिसमें कम से कम गुलामनबी आजाद का नाम नजर नहीं आ रहा है। यूं कहें को उनका नाम शामिल नहीं है। ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस में घमासान मच सकता है। 

राहुल गांधी ने जताई थी नाराजगी
दरअसल कांग्रेस के करीब 23 नेताओं की तरफ से सोनिया गांधी को खत लिखा गया था। लेकिन कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले वो खत लीक हो गया। उस खत पर कांग्रेस कार्यसमिति में चर्चा हुई और कांग्रेस सांसद मे परोक्ष तौर पर दस्तखत करने वाले नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ दिग्गज ऐसे हैं जिनकी बीजेपी से साठगांठ है और उसका नतीजा दिखाई भी दिया। 

सुरजेवाला का कद बढ़ा
सुरजेवाला को कांग्रेस का महासचिव भी बनाया गया है. उन्हें कर्नाटक का प्रभारी बनाया गया है. मधुसूदन मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रियंका गांधी को यूपी का प्रभारी बनाया गया है।  इसके अलावा केसी वेणुगोपाल को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है। कांग्रेस महासचिवों में मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश की, हरीश रावत को पंजाब की, ओमान चांडी को आंध्र प्रदेश की, तारीक अनवर को केरल और लक्षद्वीप की, जितेंद्र सिंह को असम की, अजय माकन को राजस्थान की जिम्मेदारी दी गई है। 

गुलामनबी आजाद ने रखा था पक्ष
राहुल गांधी के इस तरह  के बयान पर कपिल सिब्बल बेहद खफा हुए और यहां तक कह दिया कि पार्टी से बड़ा देश है। इसके साख दुख भी जताया कि किस तरह से अदालती लड़ाई में उन्होंने पार्टी का साथ दिया और उसका सिला यह मिल रहा है। उसी खत के बारे में गुलामनबी आजाद ने कहा था कि आखिर गलत ही क्या था। इस तरह के खत इंदिरा गांधी के जमाने में भी लीक हुआ करते थे। अगर पार्टी के कुछ लोगों को लगता है कि अब समय आ चुका है जब बड़े पैमाने पर बदलाव होना चाहिए तो उसका विरोध नहीं होना चाहिए।

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