- 'चोटी' वाला और 'राक्षस' वाले बयान पर गिरिराज सिंह ने किया पलटवार
- केंद्रीय मंत्री सिंह ने कहा कि उन्हें अपने धर्म और संस्कृति पर गर्व है
- गिरिराज सिंह ने पूछा था कि 'रोहिंग्याओं का गोत्र भी शांडिल्य तो नहीं हैं'
नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में गुरुवार को चुनाव का दूसरा चरण संपन्न हुआ। गुरुवार को संपन्न हुए चुनाव में 80.43 प्रतिशत रिकॉर्ड मतदान हुआ। इस चरण में राज्य की सबसे हाई प्रोफाइल सीट नंदीग्राम में भी वोटिंग हुई। इस सीट पर 80.79 % मतदान हुआ। इस चुनाव में भाजपा और टीएमसी के बीच तीखी जुबानी जंग और आरोप-प्रत्यारोप देखने को मिल रहा है। हावड़ा के उलुबेड़िया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीएमसी पर अपने नेताओं को राक्षस' और 'चोटी' वाला कहे जाने का आरोप लगाया तो इसके थोड़ी देर बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस बारे में बयान दिया।
मुझे अपने धर्म और संस्कृति पर गर्व
सिंह ने कहा, 'ममता बनर्जी के लोगों ने मुझे 'राक्षस' और 'चोटी' वाला कहा है। वे लोग चोटी, धर्म, जय श्रीराम के नारे से घृणा करते हैं। मुझे गर्व है कि 'चोटी' मेरा संस्कार एवं संस्कृति है। उन्हें बताना चाहिए कि एक तरफ वह 'कलमा' पढ़ रही थीं तो दूसरी तरफ अपना गोत्र बता रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हम विकास की चर्चा करते हैं। मुझे अपने धर्म पर, संस्कृति पर गर्व है। उनसे (ममता बनर्जी) पूछना चाहिए, उधर कलमा पढ़ रही थी इधर गोत्र बता रही हैं, न माया मिली न राम।'
महुआ मोइत्रा ने सिंह पर किया है पलटवार
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री ने कुछ दिनों पहले कहा था कि 'रोहिंग्याओं का गोत्र भी शांडिल्य तो नहीं हैं'। उनके इस बयान पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने बुधवार को पटलवार किया। मोइत्रा ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कहते हैं कि ममता का गोत्र रोहिंग्याओं का है। हमें इसपर गर्व है। ये चोटीवाले राक्षस वंश से तो कहीं बेहतर है।'
ओवैसी ने भी ममता पर निशाना साधा
ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा था, 'मैंने मंदिर का दौरा किया जहां पुजारी ने मेरा गोत्र पूछा, मैंने कहा मां, माटी, मानुष। यह मुझे मेरी त्रिपुरा के त्रिपुरेश्वरी मंदिर की याद दिलाता है, जहां पुजारी ने मुझसे मेरा गोत्र पूछा और मैंने मां, माटी, मानुष कहा था, वास्तव में मैं शांडिल्य हूं।' ममता के इस बयान पर एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने भी ममता पर हमला बोला। ओवैसी ने पूछा कि जो जनेऊधारी नहीं हैं, उनका क्या?