- गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ
- शिवसेना द्वारा एनसीपी और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने पर गिरिराज ने की शिवसेना की आलोचना
- गिरिराज बोले- शिवसेना को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे मुगलों ने हिन्दुस्तान में अपना पांव पसारा होगा
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन हो गया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के राज्य के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ ही सत्ता में ठाकरे परिवार की सीधी भागीदारी की शुरुआत हो गई है। उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना के एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के जयंत पाटिल, छगन भुजबल तथा कांग्रेस के बालासाहेब थोराट, नितिन राउत शपथ ली।
एनसीपी-कांग्रेस के साथ सरकार बनाने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शिवसेना की तीखी आलोचना की है। गिरिराज सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'शिवसेना ने बाला साहब की आत्मा को सोनिया गांधी के हाथों गिरवी रख दिया..अब शिवसैनिक को प्रभु राम और अयोध्या का नाम लेने के लिए भी 10 जनपथ पर नाक रगड़नी पड़ेगी। शिवसेना को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसे मुगलों ने हिन्दुस्तान में अपना पांव पसारा होगा?'
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में पहली बार ठाकरे परिवार का मुख्यमंत्री बना है। मुंबई के शिवाज स्टेडियम में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में नेताओं के आलावा बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। राज्य में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन को ‘महाराष्ट्र विकास आघाडी’ का नाम दिया गया है जिसका नेतृत्व उद्धव कर रहे हैं।
दरअसल विधानसभा चुनाव से पहले शिवसेना ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। 24 अक्टूबर को नतीजे घोषित हुए जिसमें बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला लेकिन इसके बाद शिवसेना 50-50 फॉर्मूले पर अड़ गई। भाजपा ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 105 सीटें जीतीं थी। शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस ने क्रमश: 56, 54 और 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
जिसके तहत शिवसेना की मांग थी कि राज्य में ढाई साल उसका मुख्यमंत्री भी होगा जिसे बीजेपी ने नकार दिया। शिवसेना को मनाने की काफी कोशिश हुई लेकिन वह अपने रूख से पीछे नहीं हटी और अंत में गठबंधन टूट गया। विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के 36 दिन बाद शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार का गठन हुआ है।