केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा गोवा बार विवाद मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश की कॉपी आज अपलोड हुई है. कोर्ट ने दस्तावेजों के आधार पर ये माना है कि स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के नाम पर किसी बार का लाइसेंस नहीं है,ना ही वो रेस्टोरेंट और बार की मालिक हैं।
उनकी बेटी ने कभी भी लाइसेंस के लिए आवेदन भी नहीं दिया, गोवा सरकार द्वारा दिया गया शो कॉज नोटिस भी स्मृति ईरानी की बेटी के नाम पर नहीं जारी किया गया है, पहली नजर में ये लगता है कि याचिकाकर्ता स्मृति ईरानी ने जो कागजात पेश किए हैं वो उनके पक्ष को मजबूत करते हैं।
पवन खेड़ा, जयराम रमेश और कांग्रेस को स्मृति ईरानी ने भेजा कानूनी नोटिस, बेटी के चरित्र हनन का आरोप
कोर्ट ने अपने आदेश में ये कहा कि अगर कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया ट्वीट/पोस्ट को सोशल मीडिया पर रहने देते हैं तो उससे स्मृति ईरानी और उनके परिवार की छवि को गहरा नुकसान पहुंचेगा। कोर्ट ने इस मामले में कांग्रेस नेताओं को समन जारी करके 18 अगस्त तक जवाब दाखिल करने का समय दिया है, स्मृति ईरानी ने 2 करोड़ के मानहानि का मुकदमा दिल्ली हाई कोर्ट में किया था।
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश में ये लिखा है कि कांग्रेस नेता जयराम नरेश, पवन खेड़ा और नेटा डिसूजा ने आपस में मिलकर एक साजिश रची और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी के खिलाफ दुर्भावना के साथ आक्रामक और तीखी बातें कहीं, कोर्ट ने कहा कि तीनों ही नेताओं ने एक साथ मिलकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उनकी बेटी की सार्वजनिक छवि और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई।