- भ्रष्टाचार पर CBI की एंटी करप्शन विंग की बड़ी छापेमारी
- सपा सरकार के दौरान बने रिवर फ्रंट घोटाले में 180 से अधिक लोगों पर दर्ज की FIR
- यूपी में लखनऊ के अलावा, नोयडा, गाज़ियाबाद, बुलंदशहर, रायबरेली, सीतापुर, इटावा, आगरा में छापेमारी
लखनऊ: अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान बने गोमती रिवर फ्रंट में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए CBI ने नई एफआईआर दर्ज की है। खबर के मुताबिक सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद आज यूपी, राजस्थान और पश्चिम बंगाल सहित में करीब 43 जगहों पर व्यापक तलाशी अभियान चलाया। इस केस में 16 सरकारी अफसरों समेत कुल 190 आरोपी बनाए गए हैं।
अधिकतर तत्कालीन इंजीनियरों के आवास पर छापा
लखनऊ में सीबीआई ने गोमतीनगर के विपुलखंड में सिंचाई विभाग के तत्कालीन एस ई अखिल रमन के आवास पर छापा मारा। इसके अलावा तत्कालीन सुप्रीडेंडेट इंजीनियर रहे रूप सिंह यादव के गाजियाबाद के कौशांबी स्थित आवास और ग्रेटर नोएडा स्थित संपत्ति पर छापा मारा। कौशांबी के शिवालिक टावर अपार्टमेंट में रहने वाले सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता रूप सिंह यादव के फ़्लैट पर तलाशी अभियान चला हुआ है। सीबीआई ने आज जिन लोगों के यहां छापा मारा उनमें उत्तर प्रदेश सरकार के अभियंता तथा अन्य अधिकारी शामिल हैं।
गोमती रिवर फ्रंट परियोजना के मामले में सीबीआई की यह दूसरी प्राथमिकी है। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं जिनमें अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी और मायावती की अगुवाई में बहुजन समाज पार्टी के साथ ही कांग्रेस एवं अन्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी को राज्य की सत्ता से हटाने की कोशिश में प्रचार अभियान कर रहे हैं। चुनाव से कुछ समय पहले ही हुई सीबीआई की इस छापेमारी को राजनीतिक रूप से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
1500 करोड़ का घोटाला
सीबीआई ने बुलंदशहर में कॉन्ट्रेक्टर राकेश भाटी के आवास पर भी छापा मारा है जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं। इसके अलावा सीबीआई की टीम ने ग्रेटर नोएडा में भी कई जगहों पर तलाशी ली। आपको बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट घोटाले में करीब 1500 करोड़ के घोटाले के आरोप हैं। प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर इस मामले में जांच शुरू की है।