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Monsoon 2020: कोरोना काल में देश के लिए अच्छी खबर, जून से सितंबर तक झूम कर बरसेंगे बदरा

Updated Jun 01, 2020 | 18:22 IST

Monsoon in India: अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल जून से सितंबर के बीच में झमाझम बारिश होगी और यह करीब करीब एक समान रहेगा। यानि निश्चित इंटरवल पर इंद्र देवता मेहरबान रहेंगे।

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जून से सितंबर तक 102 फीसद बारिश
मुख्य बातें
  • केरल में मानसून ने दी दस्तक, सभी शहरों में झमाझम बारिश
  • देश में जून से सितंबर के बीच 102 फीसद बारिश के आसार
  • मौसम विभाग ने अल्प अवधि और दीर्घ अवधि के लिए अनुमान किया जाहिर

नई दिल्ली। केरल में समय से मॉनसून दस्तक दे चुका है। केरल के सभी शहरों में झमाझम बारिश हो रही है और इस मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के सेक्रेटपरी माधवन नायर राजीवन ने कहा कि अच्छे मानसून के लिए सभी परिस्थितियां अनुकूल बन रही है। जून से सितंबर के बीच पूरे देश में करीब 102 फीसद बारिश होगी। करीब करीब इन तीन महीनों में औसत बारिश करीब 88 सेमी होगी। 

किसानों को रहता है मानसून का इंतजार
देश में अभी भी करीब 76 फीसद किसानी वर्षा आधारित पानी पर है। इसका अर्थ यह है कि ज्यादातर किसानों को आज भी बारिश का इंतजार रहता है। लिहाजा मॉनसून का समय पर आने के साथ ही यह बात भी महत्वपूर्ण हो जाती है कि जून से सितंबर के मध्य बारिश सामान्य तौर पर तीनों महीनों में हों। दरअसल जब बारिश किसी एक महीने में अधिक होती है तो उसका नकारात्मक असर भी खेती किसानी पर पड़ता है। लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक इस दफा तस्वीर थोड़ी सी अलग है। 

मानसून का होता है तात्कालिक और दूरगामी असर
मॉनसूनी बारिश का असर सिर्फ तात्कालिक तौर पर ही नजर नहीं आता है बल्कि रवि सीजन का फसलों पर भी इसका असर दिखाई देता है। यह बात सच है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नें प्राइमरी सेक्टर का योगदान घटा है। लेकिन देश की करोड़ों आबादी खेती पर ही निर्भर है। अच्छी खेती का असर पूरी अर्थव्यवस्था पर समग्र तौर पर दिखाई देता है। अच्छी खेती और खलिहानी से न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होती है बल्कि उससे जुड़ी उत्पादन से जुड़े उद्योग सशक्त होते हैं। इसके साथ ही बाजार में मांग बढ़ती है और अर्थव्यवस्था का पहिया तेजी से चलने लगता है।

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