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सरकार ने संसद में क्यों कहा- भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु का कद किसी भी पुरस्कार-उपाधि से कहीं ऊपर

Updated Mar 15, 2022 | 17:31 IST

केंद्र सरकार ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा में कहा कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सहित स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत एक तथ्य है और उनका कद किसी भी पुरस्कार, शीर्षक या पद से बहुत ऊपर है।

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फाइल फोटो

सरकार ने लोकसभा में कहा है कि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु सहित स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत एक तथ्य है और आधिकारिक रिकॉर्ड की अनुमानित उपस्थिति या अनुपस्थिति पर निर्भर नहीं है। उनका कद किसी भी पुरस्कार, शीर्षक या पद से बहुत ऊपर है। एक सदस्य के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अपनी जान गंवाने वाले वीर भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए शहीद हो गए।

मिश्रा ने कहा कि इन स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनका अमूल्य योगदान देश की आजादी की लड़ाई में एक अविभाज्य हिस्सा है और यह भारत के इतिहास में अच्छी तरह से जाना जाता है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के सर्वोच्च राष्ट्रीय उद्देश्य में उनकी शहादत एक तथ्य है और यह आधिकारिक रिकॉर्ड की अनुमानित उपस्थिति या अनुपस्थिति पर निर्भर नहीं है। उनका कद इस संबंध में दिए गए किसी भी पुरस्कार या उपाधि या पद से बहुत ऊपर है।

भाजपा सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने सवाल किया था कि क्या सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जान गंवाने वाले भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव जैसे वीरों को शहीद का दर्जा दिया है। मंत्री ने कहा कि देश हमेशा शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का आभारी रहेगा जिन्होंने भारत के बेहतर भविष्य के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए और उनके नाम भारतीय इतिहास में हमेशा सुनहरे शब्दों में लिखे जाएंगे। सरकार और पूरा देश भारत की स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उनके अमूल्य योगदान को मान्यता देता है।

संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रकाशित '1857 से 1947 तक भारत के स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के शब्दकोश' में भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव सहित इन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम दर्ज हैं।

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