- ड्रोन 100 मीटर की ऊंचाई पर कम-से-कम 35 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करने में सक्षम होना चाहिए
- यह कम-से-कम चार किलो का वजन उठाने और वापस अपने स्टेशन या केंद्र पर आने में सक्षम हो
- आईसीएमआर ने ड्रोन के जरिये कोरोना वैक्सीन की सफल सप्लाई के लिए एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल तैयार किया है
नई दिल्ली: देश में कोरोना महामारी से लड़ने की दिशा में कोरोना का टीका बड़ा सहारा बनकर सामने आया है, सरकार की भी कोशिश है कि सभी पात्र लोगों को वैक्सीनेशन किया जाए और इसके लिए प्लानिंग बनाकर काम किया जा रहा है, वहीं बताया जा रहा है कि देश के सूदूर यानी रिमोट एरिया में भी कोविड का टीका सभी पात्र लोगों को लग जाए इस बारे में सरकार एक योजना लेकर आई है, अब ड्रोन के जरिये कोरोना वायरस की वैक्सीन पहुंचाने की प्लान है।
बताया जा रहा है कि आईसीएमआर (ICMR) ने आईआईटी-कानपुर (IIT Kanpur) के साथ मिलकर इस संबंध में एक शोध किया है, इसमें इस बात की फिजिबिलिटी देखी गई कि क्या ड्रोन के जरिये देश के दुर्गम इलाकों में कोरोना वैक्सीन पहुंचाई जा सकती है।
वहीं इसके लिए इंडिया काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से एचएलएल इन्फ्रा टेक सर्विसेज लिमिटेड ने इस संबंध में अनमैन्ड एरियल व्हीकल या ड्रोन के जरिए वैक्सीन पहुंचाने के लिए निविदाएं भी आमंत्रित की हैं।
ड्रोन 100 मीटर की ऊंचाई पर 35 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करने में सक्षम हो
कंपनी के नोट के मुताबिक, ड्रोन 100 मीटर की ऊंचाई पर कम-से-कम 35 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करने में सक्षम होना चाहिए। इसके अलावा यह कम-से-कम चार किलो का वजन उठाने और वापस अपने स्टेशन या केंद्र पर आने में सक्षम होना चाहिए। आईसीएमआर ने ड्रोन के जरिये कोरोना वैक्सीन की सफल सप्लाई के लिए एक स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल तैयार किया है, इसमें पैराशूट आधारित डिलीवरी सिस्टम नहीं होगा।