- किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने जारी की सिखों को लेकर एक बुकलेट
- बुकलेट में 'मोदी सरकार का सिखों के साथ विशेष संबंध', बताने की कोशिश
- इस पुस्तक में मोदी सरकार और सिख समुदाय के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों का है जिक्र
नई दिल्ली: किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने एक पुस्तिका जारी की है। सरकार ने इस किताब के जरिए ये जताने की कोशिश की है कि पीएम मोदी और उनकी सरकार का सिखों के साथ विशेष संबंध है। किताब में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सिखों के साथ विशेष संबंध को समुदाय और पवित्र गुरुओं के प्रति उनके व्यक्तिगत भाव के साथ-साथ सिख समुदाय को सशक्त बनाने की दिशा में उनकी सरकार के कार्य के रूप में देखा जाता है।
किताब में कही गई है ये बात
किताब में कहा गया है कि पीएम मोदी ने गुरुओं के प्रति अत्यंत सम्मान व्यक्त किया है जबकि सिक्खों की बहादुरी, साहस और महान भावना की हमेशा प्रशंसा की हैं। प्रधानमंत्री के इस तरह के भाव के साथ, इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि सरकार ने सिक्खों के कल्याण के लिए कई संस्थागत उपाय किए हैं।किताब में कहा गया है, 'चाहे श्री गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती या श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की 350वीं जयंती जैसे पावन अवसरों के उत्सव के बारे में हो, चाहे 1984 के दंगों के पीड़ितों के बारे में हो या करतारपुर गलियारे के निर्माण के बारे में हो, प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रुचि ली है और सिक्ख समुदाय के लिए काम करने का मार्ग प्रशस्त किया है।'
करतारपुर गलियारे का जिक्र
इस बुकलेट के जरिए केंद्र सरकार ने किसानों के बीच जारी भ्रम को दूर करने की कोशिश भी की है। मोदी सरकार द्वारा सिख समुदाय के लिए कार्यों को विवरण इस बुकलेट में किया गया है। बुकलेट में कहा गया है, 'मोदी सरकार ने पंजाब के गुरुदासपुर में डेरा बाबा नानक से करतारपुर गलियारे के विकास पर काम किया और इसके लिए 120 करोड़ रुपये की धनराशि भी आवंटित की।पाकिस्तान स्थित गुरुदारा दरबार करतारपुर साहिब की यात्रा के लिए यह भारतीय क्षेत्र से पाकिस्तान में जाने में तीर्थयात्रियों की सहायता करता है।'