- सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए विदेश में फंसे भारतीयों को लाने का निर्णय़ लिया है
- गृह मंत्रालय ने इस बारे में एक बयान जारी करते हुए पूरी जानकारी दी है
- इस यात्रा के लिए यात्रियों को वहन करना होगा यात्रा का खर्च
नई दिल्ली: विदेश में फंसे भारतीय लोगों के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने विदेशों में फंसे भारतीयों को चरणबद्ध तरीके से वापिस भारत लाने के लिए सुविधा प्रदान करने की अनुमति दे दी है। यात्रा की व्यवस्था हवाई जहाज़ व नौ-सेना के जहाज़ों द्वारा की जाएगी। इस संबंध में मानक संचालन प्रोटोकॉल (SOP) तैयार की गई है।
यात्रियों को देना होगा भुगतान
इस बीच खबर आ रही है कि विदेश में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए भारतीय नौसेना के दौ जहाज कल यानि मंगलवार को मालदीव के लिए रवाना होंगे। इसके जरिए 3500 भारतीय नागरिकों को भारत लाया जाएगा। गृह मंत्रालय के मुताबिक विदेश मंत्रालय के दूतावास और उच्चायोग ऐसे व्यथित भारतीय नागरिकों की सूची तैयार कर रहे हैं। सरकार ने साफ किया है कि इस सुविधा के लिए यात्रियों को भुगतान देना होगा और हवाई यात्रा के लिए गैर-अनुसूचित वाणिज्यिक उड़ानों का इंतज़ाम होगा।
सात मई से शुरू होगा काम
विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने का काम 7 मई से चरण-बद्ध तरीके से शुरू होगा और उड़ान भरने से पहले यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग की जाएगी। केवल असिम्प्टोमैटिक यात्रियों को ही यात्रा की अनुमति होगी। गृह मंत्रालय के अनुसार यात्रा के दौरान इन सभी यात्रियों को स्वास्थ्य मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा जारी किये गए सभी प्रोटोकॉलों का पालन करना होगा।
आरोग्य सेतु एप करना होगा डाउनलोड
सरकार के मुताबिक, गंतव्य पर पहुँच कर सभी को आरोग्य सेतु एप पर रजिस्टर करना होगा। सभी की मेडिकल जांच की जाएगी। जांच के पश्चात् सम्बंधित राज्य सरकार द्वारा उन्हें अस्पताल में या संस्थागत क्वारंटाइन में 14 दिन के लिए भुगतान के आधार पर रखा जाएगा। 14 दिन के बाद दोबारा COVID टेस्ट किया जाएगा और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल के अनुसार अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
जल्द साझा होगी गाइडलाइन
विदेश मंत्रालयऔर नागरिक उड्डयन मंत्रालय शीघ्र ही इसके बारे में विस्तृत जानकारी वेबसाइट द्वारा साझा करेंगे। राज्य सरकारों को वापसी करने वाले भारतीयों के परीक्षण, क्वारंटाइन और अपने राज्यों में आवाजाही की व्यवस्था बनाने के लिए सलाह दी जा रही है।