नई दिल्ली: विजय रूपाणी की बेटी राधिका ने अपने पिता को लेकर सवाल किया है कि क्या सरल होना राजनीति में गुनाह है? गौर हो कि रूपाणी के बाद भूपेंद्र पटेल को सूबे की कमान सौंपी गई है। उन्होंने राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली और वह सूबे में पाटीदार समुदाय से पांचवें सीएम हैं गुजरात में पाटीदार एक प्रमुख जाति है।
रूपाणी की बेटी के मुताबिक, सितंबर 2002 में जब गांधीनगर (गुजरात) के अक्षरधाम मंदिर में आतंकी हमला हुआ था, तब उनके पिता ही पहले व्यक्ति थे, जो वहां गए थे।
राधिका रूपाणी ने पिता को लेकर फेसबुक पर गुजराती भाषा में एक लंबा पोस्ट लिखा इसमें उन्होंने पिता विजय रूपाणी के काम और घर के माहौल लेकर बहुत कुछ बातें लिखी हैं...
राधिका ने बताया है कि उनके पिता कठिन समय में देर रात ढाई बजे तक लोगों के लिए काम किया करते थे, साथ ही सवाल उठाया है कि क्या सिर्फ कठोर छवि ही नेता की पहचान होती है? राधिका ने कहा कि मुझे एक सवाल पूछना है. क्या इंसान में संवेदनशीलता और शालीनता नहीं होनी चाहिए? क्या हम एक नेता में ये जरूरी गुण नहीं तलाशते? समाज के हर तबके से मिलनसार मतलब सॉफ्ट स्पोकन इमेज?