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राजस्‍थान में एंटी-चीटिंग विधेयक पारित, चर्चा के दौरान रो पड़े विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया

Updated Mar 25, 2022 | 00:10 IST

राजस्‍थान में भर्ती परीक्षा में धांधली की रोकथाम को लेकर कड़े प्रावधानों वाला विधेयक विधानसभा से पारित हो गया है। इस पर चर्चा के दौरान विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया भावुक हो गए।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
राजस्‍थान में एंटी-चीटिंग विधेयक पारित, चर्चा के दौरान रो पड़े विपक्ष के नेता विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया

जयपुर : भर्ती परीक्षाओं में धोखाधड़ी, अनुचित साधनों के इस्तेमाल व पेपर लीक जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए राजस्‍थान में गुरुवार को एक विधेयक विधानसभा में पारित किया गया, जिसमें दोषियों को 10 साल तक की जेल और 10 करोड़ रुपये तक का जुर्माना जैसे कड़े प्रावधान किए गए हैं। विधेयक को ध्‍वनि मत से पारित कर दिया गया। वहीं इस पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया सदन में भावुक हो गए।

विधेयक में किए गए हैं कड़े प्रावधान

विधेयक में प्रावधान किया गया है कि अगर कोई अभ्‍यर्थी किसी व्यक्ति, समूह या किसी सामग्री से सार्वजनिक परीक्षा में अनधिकृत सहायता लेता पाया जाता है तो उसे 3 साल तक की कैद हो सकती है और कम से कम 1 लाख रुपये का जुर्माना उस पर लगाया जा सकता है। प्रश्न पत्र के प्रतिरूपण या अनधिकृत तरीके से प्रश्न-पत्र हल करने के लिए दोषी पाए जाने पर 5 साल से 10 साल तक की कैद और 10 लाख रुपये से 10 करोड़ रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है।

विधानसभा से पारित विधेयक में यह प्रावधान भी किया गया है कि अगर कोई परीक्षार्थी इसके प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया जाता है तो वह दो साल तक किसी भी सार्वजनिक परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगा। इसमें दोषी व्यक्ति की चल-अचल संपत्ति की कुर्की का भी सशर्त प्रावधान है। राजस्‍थान विधानसभा में इसी विधेयक पर चर्चा हो रही थी, जब विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया भावुक हो गए और आरोप लगाया कि गरीबों की आशाओं पर पानी फेर दिया गया।

...जब भावुक हो गए नेता प्रतिपक्ष

राजस्‍थान विधानसभा में चर्चा के दौरान प्रतिक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के लिए कोचिंग संस्थानों पर निशाना साधा और कहा कि कोचिंग संस्‍थान मोटी फीस लेकर बच्‍चों को पढ़ाते हैं और फिर बड़े-बड़े पोस्‍टर लगाकर 100 फीसदी सेलेक्‍शन के दावे करते हैं। बीमारी की जड़ वास्‍तव में यहां है और अगर सरकार को मार करनी है तो वास्‍तव में उसे यहां करनी चाहिए। तभी इस तरह की गड़बड़ी को रोका जा सकेगा।

उन्‍होंने कहा कि बाकी मन को संतुष्‍ट करने की बात कहो तो यह राजस्‍थान के उस गरीब बच्‍चे के साथ न्‍याय नहीं होगा, जो बड़ी मुश्किल से पढ़ता है। कोई अपना खेत बेचकर पढ़ता है तो कोई अपना घर तक बेच देता है। कई गरीब बच्‍चों के माता-पिता खुद भूखे रहकर अपने बच्‍चों को पढ़ाते हैं। कड़ी मेहनत के बाद भी जब उनका सेलेक्‍शन नहीं होता तो क्‍या उन्‍हें दुख नहीं होगा? इस दौरान अपनी बात कहते-कहते उनका गला रुंध गया।
 

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