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23 साल की गुरलीन चावला ने स्‍ट्राबेरी की खेती से बदल दी झांसी की तस्‍वीर, 'मन की बात' में PM मोदी ने भी सराहा

Updated Feb 01, 2021 | 00:09 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में गुरलीन चावला का जिक्र किया। 23 साल की लॉ स्‍टूडेंट गुरलीन स्‍ट्राबेरी की खेती करती हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
23 साल की गुरलीन चावला ने स्‍ट्राबेरी की खेती से बदल दी झांसी की तस्‍वीर, 'मन की बात' में PM मोदी ने भी सराहा

झांसी/नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार, 31 जनवरी) अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जर‍िये देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्‍होंने कई मुद्दों पर बात की। पीएम मोदी अपने संबोधन में अक्‍सर ऐसे लोगों और उनके प्रयासों का जिक्र करते हैं, जिन्‍होंने कुछ ऐसा किया कि वह मिसाल बन गई। इस बार इस कड़ी उत्‍तर प्रदेश की बेटी गुरलीन चावला का भी नाम शामिल है, जिसने छोटी सी उम्र में स्‍ट्राबेरी की खेती के विचार से झांसी की तस्‍वीर बदल दी।

झांसी की रहने वाली गुरलीन (23) पुणे के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं। लॉकडाउन के दौरान झांसी आना हुआ तो उन्‍होंने प्रयोग के तौर पर अपने घर के गमलों में ही स्‍ट्राबेरी के कुछ पौधे लगाए। परिणाम अच्‍छे अए तो उन्होंने पिता के फार्म हाउस पर लगभग डेढ़ एकड़ क्षेत्रफल में स्ट्राबेरी की खेती शुरू कर दी। इन सबके बीच उत्‍तर प्रदेश सरकार भी अब स्‍ट्राबेरी की खेती को बढ़ावा दे रही है, जिसके बाद इलाके की सूरत बदलने के आसार हैं। झांसी में 17 जनवरी से 16 फरवरी तक चलने वाला स्ट्रॉबेरी महोत्सव सरकार की ऐसी ही पहल का नतीजा है।

पीएम मोदी ने की तारीफ

प्रदेश सरकार ने कहा है कि झांसी में स्ट्रॉबेरी की खेती बुंदेलखंड को एक नई पहचान दिलाएगी। इन सबके बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में गुरलीन की कोशिशों को सराहा है। उन्‍होंने कहा, 'बुंदेलखंड में स्‍ट्राबेरी की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है और इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है झांसी की एक बेटी गुरलीन चावला ने। लॉ की छात्रा गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में स्‍ट्राबेरी की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झांसी में भी ये हो सकता है।'

'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री द्वारा अपनी तारीफ से गदगद गुरलीन का कहना है कि इतने बड़े मंच पर उनके काम को मान्‍यता मिलना सुखद एहसास कराता है। उन्‍होंने कहा, 'खुश हूं कि प्रधानमंत्री ने मेरी कोशिशों को सराहा।' गुरलीन ने यह भी कहा कि लोगों को कुछ दुर्लभ पौधों के बारे में शोध करनी चाहिए और उस दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए, क्‍योंकि यह आय बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है।

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