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ज्ञानवापी पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, अदालत ने कहा- शिवलिंग के इलाके को संरक्षित रखा जाए, नमाज की इजाजत मिले

Updated May 17, 2022 | 17:21 IST

Gyanvapi Masjid: जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वाराणसी कोर्ट द्वारा दिए गए सर्वेक्षण को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका पर सुनवाई की। अब इस पर 19 मई को सुनवाई होनी है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
ज्ञानवापी मस्जिद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
मुख्य बातें
  • ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई
  • कोर्ट ने शिवलिंग की रक्षा का आदेश दिया है
  • मस्जिद में मुस्लिमों के प्रवेश पर किसी तरह की पाबंदी नहीं लगाई गई है

Gyanvapi Masjid : ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर इस याचिका में सर्वे को रोकने की मांग की गई। ये याचिका ज्ञानवापी अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की तरफ से है। कोर्ट ने कहा कि जिस क्षेत्र में शिवलिंग पाया गया है, उसकी रक्षा की जानी चाहिए। उपरोक्त आदेश किसी भी तरह से नमाज या धार्मिक अनुष्ठानों के लिए मुसलमानों के मस्जिद में प्रवेश को प्रतिबंधित या बाधित नहीं करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर हिंदू याचिकाकर्ताओं और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। 19 मई तक जवाब दाखिल करना है। वाराणसी कोर्ट ने काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि डीएम वाराणसी सुनिश्चित करें कि जिस क्षेत्र में शिवलिंग पाए जाने की सूचना है, उसकी विधिवत रक्षा की जाए। 

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने दलीलें शुरू कीं। उनका कहना था कि वाराणसी की अदालत में हिंदू पक्ष द्वारा दायर की गई प्रार्थनाएं स्पष्ट रूप से संरचना के चरित्र को बदलने की बात करती हैं, जो कि एक मस्जिद है। वाराणसी कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने पूजा का अधिकार मांगा, रोजाना मां श्रृंगार गौरी के दर्शन की मांग की। हम कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति से आशंकित थे। यदि आप आवेदन में किसी विशेष व्यक्ति को आयुक्त के रूप में नामित करते हैं, तो पूर्वाग्रह की आशंका पैदा होती है। आप एक व्यक्ति को क्यों चुन रहे हैं?

हुजेफा अहमदी ने कहा कि शनिवार और रविवार को कमिश्नर सर्वे करने गए और कमिश्नर को पूरी तरह से पता था कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस बेंच के समक्ष सूचीबद्ध है। वाराणसी कोर्ट ने सोमवार को आयुक्त द्वारा बताए जाने के बाद परिसर में एक स्थान को सील करने का आदेश दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के अंदर एक शिवलिंग पाया गया है। कार्यवाही रोकी जानी चाहिए, यथास्थिति बने रहे।

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मस्जिद समिति के वरिष्ठ अधिवक्ता अहमदी का कहना है कि वह निचली अदालत द्वारा आयुक्त की नियुक्ति सहित सभी आदेशों पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं और यथास्थिति का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि ये आदेश अवैध हैं और संसद के कानून के खिलाफ हैं। परिसर सील नहीं रह सकते हैं और आदेश अवैध हैं। यदि परिसर को सील कर दिया जाता है, तो यथास्थिति में परिवर्तन होता है। पूजा स्थल अधिनियम की धारा 3 यह स्पष्ट करती है कि ऐसा नहीं किया जा सकता है।

मुस्लिम पक्ष का दावा

  • ज्ञानवापी में सर्वे, वीडियोग्राफी को चुनौती
  • निचली कोर्ट कोर्ट कमिश्नर नियुक्त नहीं कर सकती
  • अगस्त 2021 की याचिका पूजा स्थल एक्ट 1991 के खिलाफ
  • सिविल कोर्ट का फैसला पूजा स्थल एक्ट 1991 का उल्लंघन
  • 1991 से मामला HC में, यथास्थिति बनाई रखी जाए
  • ASI सर्वे पर HC की रोक, फिर कमीशन क्यों?

हिन्दू पक्ष का दावा

  • काशी विश्वनाथ मंदिर का स्कंद पुरान में जिक्र
  • 1194 में कुतबुद्दीन एबक ने मंदिर तुड़वाया
  • 1230 में दोबारा मंदिर को बनाया गया
  • 1669 में औरंगजेब को मंदिर को फिर तोड़वा दिया
  • मंदिर की जगह औरंगजेब ने ज्ञानवापी मस्जिद बनाई
  • मसीर-ए-आलमगिरी  किताब में मंदिर टूटने का जिक्र
  • मंदिरों के अवशेष ज्ञानवापी मस्जिद से मिले
  • ज्ञानवापी मस्जिद पूजा स्थल अधिनियम 1991 से बाहर
     

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