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Nirbhaya Case:अब 22 को नहीं होगी निर्भया के गुनहगारों को फांसी,डेथ वॉरंट पर पटियाला हाउस कोर्ट का स्टे

Updated Jan 16, 2020 | 16:53 IST

Hanging of culprits of Nirbhaya: दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों को फांसी अब 22 जनवरी को नहीं हो पाएगी क्योंकि एक दोषी मुकेश की याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है।

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Nirbhaya Case:अब 22 को नहीं होगी निर्भया के गुनहगारों को फांसी,डेथ वॉरंट पर पटियाला हाउस कोर्ट का स्टे

नई दिल्ली: साल 2012 के दिसंबर महीने में राजधानी दिल्ली में एक लड़की के साथ चलती बस में गैंगरेप किया गया था ना सिर्फ सामूहिक बलात्कार बल्कि निर्दयता की सारी हदें पार कर दी गईं थीं बाद में लड़की की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। निर्भया गैंगरेप (Nirbhaya Gangrape) के नाम से लोग इस मामले को जानते हैं।

इस मामले में गुरुवार को बड़ा मोड़ उस वक्त आया जब पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों में से एक दोषी मुकेश सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि 22 जनवरी को फांसी नहीं हो सकती है।

अभियोजन पक्ष की दलील मानते हुए अदालत ने कहा कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती क्योंकि उनकी दया याचिका लंबित है। और दया याचिका लंबित होने के कारण डेथ वॉरंट पर स्वतः ही रोक लग गई है।

गौरतलब है कि दोषी विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को अगले बुधवार 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जानी थी और इस बारे में दिल्ली की अदालत ने डेथ वारंट जारी किया था।

वहीं इस मामले को लेकर आरोप प्रत्यारोप भी हो रहे हैं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गैंगरेप के दोषियों की फांसी की सजा में देरी के लिए दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि 'दिल्ली सरकार की लापरवाही' के चलते दोषियों को फांसी देने में देरी हुई है। निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी पर चढ़ाने के लिए अदालत से डेथ वारंट जारी हो चुका है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'दिल्ली सरकार की लापरवाही के चलते 2012 के निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों की फांसी की सजा देने में देरी हो रही है। न्याय में इस देरी के लिए आप सरकार जिम्मेदार है।' जावड़ेकर ने पूछा, 'केजरीवाल सरकार ने पिछले ढाई साल में दोषियों को दया याचिका दायर करने के लिए नोटिस क्यों नहीं जारी किया?'

वहीं बलात्कार पीड़िता की मां आशा देवी ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा था कि या तो दोषी के वकील सजा होने में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं या फिर हमारा सिस्टम अंधा है और अपराधियों का समर्थन कर रहा है। मैं 7 साल से संघर्ष कर रही हूं। मुझे पूछने के बजाय, आपको सरकार से पूछना चाहिए कि क्या दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी या नहीं?

वहीं तिहाड़ जेल की फांसी कोठी में सभी तैयारियां अंतिम चरण में है। हाल ही में कुछ डमी को फांसी देकर तैयारियों का जायजा लिया गया। इस संबंध में तिहाड़ जेल प्रशासन की तरफ से यूपी सरकार से जल्लाद भेजे जाने का अनुरोध किया गया था। इस संबंध में मेरठ के जल्लाद पवन का कहना है कि जिम्मेदारी तय होने पर वो अपने फर्ज को बखूबी अंजाम देगा। 

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