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तिरंगा अभियान खत्म,जानें झंडे को सम्मान के साथ रखने का तरीका, इन गलतियों से होता है अपमान

Updated Aug 16, 2022 | 17:52 IST

Har Ghar Tiranga, Flag Rules after 15th August Independence Day 2022: जिस तरह राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम हैं, उसी तरह उसे उतारकर सम्मान के साथ रखने के भी नियम है। और उसका अपमान करने पर सजा भी मिल सकती है।

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राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान के साथ रखने का क्या है तरीका
मुख्य बातें
  • राष्ट्रीय ध्वज को उतारने के बाद, उसको पूरे सम्मान के साथ लपेट कर रखना सबसे पहला काम है।
  • राष्ट्रीय ध्वज का जमीन,फर्श, पानी से स्पर्श नहीं होना चाहिए।
  • अगर यह किसी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है तो इसे जलाकर नष्ट कर देना चाहिए। 

Har Ghar Tiranga, Flag Rules after 15th August Independence Day 2022: हर घर तिरंगा अभियान खत्म हो चुका है। और पिछले 3 दिनों में आम आदमी से लेकर खास लोगों ने तिरंगा अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लोगों ने अपने घरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। और केवल हर घर तिरंगा वेबसाइट पर 5 करोड़ से अधिक लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज की सेल्फी लेकर पोस्ट की है। अब चूंकि यह अभियान खत्म हो गया तो झंडे को उतारने का भी समय आ गया है। जिस तरह राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के नियम हैं, उसी तरह उसे उतारकर सम्मान के साथ रखने के भी नियम है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान के साथ रखने का तरीका क्या है..

राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के स्पष्टीकरण 4 के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का अपमान रोकने के लिए इन नियमों का पालन किया जाना चाहिए-

  1. राष्ट्रीय ध्वज को उतारने के बाद, उसको पूरे सम्मान के साथ लपेट कर रखना सबसे पहला काम है।
  2. राष्ट्रीय ध्वज का जमीन,फर्श, पानी से स्पर्श नहीं होना चाहिए
  3. अगर यह किसी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है तो इसे जलाकर नष्ट कर देना चाहिए। 
  4. राष्ट्रीय ध्वज को गंदा नहीं रखना चाहिए।
  5. किसी भी हालत में राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी वाहन के किनारों, पृष्ठ भाग या शीर्ष भाग को ढकने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
  6. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग निजी अंत्येष्टि को लपेटने के साथ ही किसी भी तरह की चीजों को लपेटने के लिए नहीं किया जाएगा।
  7. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या पहनावे के हिस्से में चित्रित नहीं किया जाएगा जो किसी भी व्यक्ति के कमर के नीचे पहना जाता है और न ही कुशन, रूमाल, नैपकिन, गारमेंट्स या किसी कपड़े में कढ़ाई या मुद्रित रूप में किया जाएगा।
  8. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग लेखन प्रक्रिया में नहीं किया जाएगा।
  9. राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वस्तुओं को लपेटने, प्राप्त करने और वितरित करने के लिए नहीं किया जाएगा

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20 साल पहले लोगों को मिला खास अधिकार

तिरंगे के इतिहास में 26 जनवरी, 2002 का एक खास स्थान है। यही वह दिन है जब भारत के आम नागरिकों को भी अपनी मर्जी  से किसी भी दिन झंडा फहराने का अधिकार मिला। इसके पहले  झंडा फहराने का अधिकार तो था लेकिन सिर्फ कुछ खास अवसर, जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया जा सकता है।

26 जनवरी, 2002 से भारतीय झंडा संहिता में संशोधन के बाद ,आम नागरिकों को कहीं भी कभी भी राष्ट्रीय झंडा फहराने का मौका मिला। इसके बाद से आम आदमी अपने घरों, कार्यालयों और फैक्ट्रियों में किसी भी दिन तिरंगा फहरा सकते हैं। हालांकि इसके लिए उन्हें झंडे का पूरी तरह से सम्मान कायम रखना होगा और तय मानकों के आधार पर झंडे को फहराना होगा।

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