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Hathras case: इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हाथरस केस की सुनवाई, कोर्ट में पेश नहीं होगा पीड़ित परिवार 

Updated Nov 02, 2020 | 07:29 IST

गत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को इस मामले की सुनवाई की निगरानी करने के लिए निर्देश दिया। बता दें कि हाथरस में 19 साल की दलित महिला के साथ कथित रूप से गैंगरेप हुआ।

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हाथरस केस की सुनवाई।
मुख्य बातें
  • गत 14 सिंतबर को हाथरस में 19 साल की लड़की के साथ हुआ कथित रूप से गैंगरेप
  • इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लड़की की मौत हुई
  • इस घटना ने सियासी पारा बढ़ाया, कांग्रेस, बसपा और सपा ने यूपी सरकार पर हमला बोला

इलाहाबाद : इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सोमवार को हाथरस केस की सुनवाई होनी वाली है। जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट में आज होने वाली इस सुनवाई के दौरान यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार सरकार की ओर से उपस्थित होंगे। बताया गया है कि पीड़ित परिवार इस सुनवाई के दौरान कोर्ट के समक्ष पेश नहीं होगा। 

कोर्ट में पीड़ित परिवार की वकील पेश होंगी
पीड़ित परिवार की वकील सीमा कुशवाहा सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहेंगी। गत मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को इस मामले की सुनवाई की निगरानी करने के लिए निर्देश दिया। बता दें कि हाथरस में 19 साल की दलित महिला के साथ कथित रूप से गैंगरेप हुआ। गत 29 सितंबर को महिला का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। हाई कोर्ट ने इस घठना का स्वत: संज्ञान लिया है।

उच्च न्यायालय कर रहा जांच की निगरानी
शीर्ष अदालत ने इस केस के सभी पहलुओं की निगरानी उच्च न्यायालय से करने के लिए कहा है। इस मामले की जांच अबी केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। जांच एजेंसी अपनी स्थिति रिपोर्ट आज कोर्ट में पेश कर सकती है। प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली तीन न्यायाशीधों की पीठ ने यह अनुभव किया कि हाथरस घटना की जांच के सभी पहलुओं की निगरानी इलाहाबाद उच्च न्यायालय को करनी चाहिए। 

यूपी से बाहर केस की सुनवाई करने की मांग
पीड़ित परिवार ने इस केस को यूपी के बाहर स्थानांतरित करने की अपील की थी लेकिन कोर्ट ने इस बारे में कोई फैसला नहीं दिया। वकील एवं सामाजिक कार्यकर्ता इंदिरा जयसिंह ने अपनी अर्जी में केस की सुनवाई यूपी से बाहर दिल्ली या किसी अन्य राज्य में करने की मांग की है। उन्होंने यूपी में इस केस की निष्पक्ष जांच पर अंदेशा जताया है। 

प्रशासन ने रात में किया पीड़िता का अंतिम संस्कार
गत 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो जाने के बाद हाथरस प्रशासन ने रात के समय लड़की के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। परिवार का आरोप है कि प्रशासन ने बिना सहमति के उनकी बेटी का अंतिम संस्कार किया। जबकि प्रशासन ने हाई कोर्ट को बताया कि अगले दिन हाथरस में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी और इससे कानून-व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा था। इसलिए उसे लड़की के शव का अंतिम संस्कार रात में करना पड़ा। अंतिम संस्कार रात में करने पर कोर्ट ने हाथरस प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई।   

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