- भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने योगी सरकार को खुली चुनौती दी है
- भीम आर्मी और पीएफआई के संबंधों को लेकर आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया आई है
- उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि वह उन्हें लेकर कोई भी जांच करा लें
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के हाथरस में पिछले दिनों 19 साल की एक दलित युवती से दरिंदगी के बाद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे। इस बीच ऐसे आरोप भी लगे कि जिले में जातीय वैमनस्य फैलाने और दंगे करवाने के लिए बड़ी धनराशि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और इससे संबद्ध कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने मुहैया कराई थी। इस पर अब भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने यूपी सरकार को चुनौती दी है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनकी पूरी लड़ाई उनके समाज के लिए है और उनका समाज ही उनका पूरा खर्च वहन करता है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'मैं योगी आदित्यनाथ जी को चुनौती देता हूं कि वह किसी भी जांच का आदेश दें। 100 करोड़ रुपये की बात तो छोड़ दें, अगर मेरे पास एक लाख रुपये भी मिलते हैं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा, अन्यथा आप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें। मेरा जीवन मेरे समाज के लिए समर्पित है और यह समाज ही है, जो मेरा खर्च वहन करता है।'
'डर गई योगी सरकार'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में न्याय के लिए आवाज उठाने को अंतरराष्ट्रीय साजिश करार दिया जाता है। उन्होंने लिखा, 'यह दर्शाता है कि जब दलितों के लिए न्याय की मांग की गई तो योगी सरकार किस तरह डर गई। सरकार की नजरों में दलितों की जिंदगी कितनी सस्ती है? यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि हाथरस केस के आरोपी उसी जाति से संबंध रखते हैं, जिससे योगी जी हैं। हम पर सिर्फ इसलिए आरोप लगाए जा रहे हैं, ताकि उन्हें बचाया जा सके।'
यहां गौरलतब है कि प्रर्वतन निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि भीम आर्मी और केरल में सक्रिय पीएफआई के बीच कोई लिंक नहीं है। पीएफआई पर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान तनाव भड़काने का आरोप है। ईडी ने यह भी कहा कि 100 करोड़ रुपये की बरामदगी की बातें भी सही नहीं हैं। जांच एजेंसी का यह स्पष्टीकरण यूपी के पूर्व डीजीपी बृज लाल के इस आरोप के बाद आया है कि भीम आर्मी और अन्य संगठन हाथरस में पीड़ित परिवार को गुमराह करने का प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने ही यह आरोप लगाया था कि हाथरस जिले में दंगा भड़काने के लिए पीएफआई और इससे संबद्ध कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया ने 100 करोड़ रुपये दिए।