- अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने एपी सिंह से आरोपियों का केस लड़ने को कहा है
- आरोपियों को कई संगठनों का समर्थन मिल रहा है
- एपी सिंह ने निर्भया के दोषियों का केस लड़ा था
नई दिल्ली: 2012 दिल्ली गैंगरेप केस के दोषियों का केस लड़ने वाले वकील एपी सिंह हाथरस गैंगरेप मामले के आरोपियों का भी बचाव करेंगे। आरोपियों के बचाव के लिए अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने एपी सिंह को नियुक्त किया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राजा मानवेंद्र सिंह ने एपी सिंह से हाथरस मामले के आरोपियों का केस लड़ने के लिए कहा है। राजा मानवेंद्र सिंह अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
'इंडिया टुडे' की खबर के अनुसार, प्रेस विज्ञप्ति में सिंह ने कहा कि एपी सिंह की फीस का भुगतान करने के लिए बहुत सारे पैसे एकत्र किए गए हैं। पत्र में यह भी कहा गया है कि हाथरस मामले के माध्यम से एससी-एसटी समुदाय का उच्च जाति के समाज को बदनाम करने के लिए 'दुरुपयोग' किया जा रहा है। इससे राजपूत समुदाय विशेष रूप से आहत हुआ है।
एपी सिंह के निर्भया मामले में सभी बलात्कारियों की तरफ से केस लड़ा था। अब वही एपी सिंह हाथरस मामले के आरोपियों की ओर से वकील के रूप में अदालत में पेश होंगे। पत्र में आगे लिखा है, 'इस मामले में यह निर्णय लिया गया है कि सच्चाई सामने लाने के लिए एपी सिंह आरोपी पक्ष की तरफ से दलील पेश करेंगे।'
आरोपियों के पक्ष में पंचायत
हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले के आरोपियों को उच्च जाति समूहों से समर्थन मिल रहा है। पिछले सप्ताह, सवर्ण समाज से जुड़े कार्यकर्ताओं ने आरोपियों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर धरना दिया। उन चार आरोपियों के पक्ष में एक पंचायत भी आयोजित की गई। रविवार को भी हाथरस में भाजपा के एक पूर्व विधायक के घर के बाहर लोगों ने बैठक की, जहां उन्होंने आरोपी का बचाव किया और पीड़िता के परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की।
पूर्व विधायक के आवास पर महापंचायत
भाजपा के पूर्व विधायक राजवीर सिंह पहलवान के आवास पर रविवार को महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इसके मद्देनजर वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। महापंचायत के आयोजक मनवीर सिंह ने रविवार को यहां संवाददाताओं से कहा, 'घटना के मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोग दरअसल अपने घर से पकड़े गये। अगर वे दोषी होते तो कहीं छुप गए होते। वे अपने घर पर नहीं मिलते। इस मामले में आरोपियों को जानबूझकर फंसाया गया है। उनके लिए इंसाफ मांगना हमारा संवैधानिक अधिकार है।'