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Hijab in Gujrat: हिजाब विवाद पहुंचा गुजरात, हिजाब पहनकर परीक्षा देने पहुंची मुस्लिम छात्राओं का विरोध

Updated Feb 22, 2022 | 18:04 IST

Hijab controversy reaches Gujarat:  कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब गुजरात पहुंच गया है बताया जा रहा है कि हिजाब पहने कुछ मुस्लिम छात्राओं का विरोध किया गया है।

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सूरत के एक स्कूल में हिजाब पहनकर एग्जाम देने आईं छात्राओं को विरोध का सामना करना पड़ा

Hijab controversy reaches in Surat Gujarat: देश के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में हिजाब पर विवाद (Hijab Controvercy) जारी है वहीं इसके अब गुजरात (Gujrat) पहुंचने की खबर है बताया जा रहा है कि राज्य के प्रमुख शहर सूरत (Surat) के एक स्कूल में हिजाब (Hijab) पहनकर एग्जाम देने आईं छात्राओं को विरोध का सामना करना पड़ा है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बताया जा रहा है कि यहां सूरत के एक स्कूल में कुछ मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहने दिखीं कहा जा रहा है कि वो परीक्षा देने आई थीं और इस बात की खबर हिंदूवादी संगठन बीएचपी (VHP) को लग गई, उसके बाद हिजाब को लेकर वहां विरोध जताया जाने लगा।

मामला सूरत स्थित पीपी सवाणी स्कूल का बताया जा रहा है जहां 4-5 मुस्लिम लड़कियां हिजाब पहनकर एग्जाम देने के लिए पहुंची हुई थीं ये वहां की छात्रायें नहीं हैं बल्कि वो एग्जाम देने आई थीं जिसे लेकर विरोध किया जाने लगा।

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इस मामले पर पुलिस ने बताया कि बीएचपी कार्यकर्ताओं को स्कूल परिसर से हिरासत में लिया गया बीएचपी कार्यकर्ता कुछ लड़कियों के हिजाब पहनने के विरोध में वहां एकत्र हुए थे, बताते हैं कि भगवा गमछा लिए कार्यकर्ताओं ने स्कूल में प्रदर्शन किया।

वहीं स्कूल के प्रिंसिपल ने पुलिस को सूचित किया और मौके पर पहुंचकर पुलिस ने उन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है वहीं छात्राओं ने परीक्षा दी। 

कर्नाटक में हिजाब पर मचे घमासान पर सुनवाई जारी

गौर हो कि कर्नाटक में हिजाब पर मचे घमासान पर मंगलवार को भी सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस ने कहा कि मैं सभी पक्षों को बताना चाहता हूं कि सुनवाई इसी सप्ताह समाप्त हो जानी चाहिए। हम नहीं चाहते कि यह अगले सप्ताह तक जाए। इस सप्ताह सभी तर्कों को पूरा करने का प्रयास करें। एडवोकेट जनरल ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को संदेह से परे प्रदर्शित करना है कि क्या पालन करना अनिवार्य है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा कि क्या अनिवार्य है और क्या वैकल्पिक। मुझे लगता है कि यह उनके लिए है कि वे आपके आधिपत्य को संतुष्ट करें। फ्रांस का उदाहरण देखिए। पूरे देश में हिजाब पर प्रतिबंध है लेकिन इस्लाम को मानने या न मानने पर कोई रोक नहीं है। जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि यह सब किसी विशेष देश की संविधान नीति, स्वतंत्रता पर निर्भर करता है। हमारे देश में यह बहुत उदार है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि मैं यह कहना चाहता हूं कि बिना हिजाब के इस्लाम जिंदा रह सकता है। फ्रांस एक उदाहरण है।

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