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करोड़ों लोगों को आज भी ताकत देते हैं श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार : नरेंद्र मोदी  

Updated Jul 06, 2020 | 12:26 IST

PM Modi pays tribute to Syama Prasad Mookerjee: पीएम मोदी ने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम ने कहा कि मुखर्जी के विचार आज भी लोगों को ताकत देते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर पीएम मोदी ने किया याद।
मुख्य बातें
  • श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर पीएम मोदी ने उन्हें याद किया
  • केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर सहित भाजपा नेताओं ने दी उन्हें श्रद्धांजलि
  • साल 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुखर्जी के विचार एवं आदर्श आज भी करोड़ों भारतीयों को ताकत देते हैं। पीएम ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'मैं श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जयंती पर नमन करता हूं। वह एक समर्पित देशभक्त थे जिन्होंने भारत के विकास के लिए असाधारण योगदान दिया। मुखर्जी ने भारत की एकता को मजबूत बनाने में साहसिक योगदान दिया। उनके विचार एवं आदर्श देश में करोड़ों लोगों को ताकत प्रदान करते हैं।'

केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि जनसंघ के इस संस्थापक ने देश की एकता एवं अखंडता के लिए अपने पूरे जीवन को न्यौछावर कर दिया। बता दें कि मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई 1901 को कोलकाता में हुआ था। वह देश के कद्दावर राजनेता, बैरिस्टर एवं शिक्षाविद रहे। मुखर्जी जवाहर लाल नेहरू की सरकार में उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री थे।

भाजपा नेताओं ने किया याद
भारतीय जनता पार्टी के नेता आज देश भर में मुखर्जी के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। दिल्ली में केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश कुमार गुप्ता एवं भाजपा के अन्य नेताओं ने शहीदी पार्क जाकर मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी और उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण किया। 

काफी मेधावी छात्र थे मुखर्जी
मुखर्जी काफी मेधावी छात्र थे उन्होंने कानून की पढ़ाई 23 साल की अवस्था में ही पूरी कर ली। उन्होंने बंगाली में एमए करने के साथ ही अंग्रेजी में प्रथम श्रेणी में परीक्षा पास की। मात्रा 33 साल की उम्र में उन्हें कलकत्ता विश्वविद्यालय में वाइस-चांसलर के पद की पेशकश की गई। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एमएस गोवलकर के साथ परामर्श करने के बाद मुखर्जी ने साल 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की।

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