नई दिल्ली: सिख धर्म के अनुयायियों के लिए 15 अप्रैल के दिन का खास महत्व है। सिख पंथ की नींव रखने वाले और प्रथम गुरू बाबा नानक का जन्म इसी दिन हुआ। 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी राय भोइ की (अब पाकिस्तान में), जिसे अब ननकाना साहिब कहा जाता है, में बाबा मेहता कालू और माता तृप्ता के यहां जन्मे बालक को नानक का नाम दिया गया। उस समय कौन जानता था कि यह बालक विश्व भर में सिखों के प्रथम गुरू के रूप में पूजनीय होगा। उन्होंने धार्मिक सौहार्द्र को सर्वोपरि बताया और सिख धर्म की नींव रखी। वह कई भाषाओं के ज्ञाता थे और उन्होंने दुनिया के विविध स्थानों की यात्राएं कीं। कार्तिक मास की पूर्णिमा को दुनियाभर में गुरूनानक जी की जयंती को गुरूपर्ब के रूप में मनाया जाता है।
साल का यह 105वां दिन एक और कारण से भी खास अहमियत रखता है। दरअसल वर्ष 2004 में आज ही के दिन फ्रांस में एक कानून को मंजूरी दी गई, जिसमें स्कूलों में किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। यह कानून 2 सितम्बर र्तिक्त2004 से लागू हुआ। इसमें मुस्लिम लड़कियों द्वारा सिर पर पहने जाने वाले हिजाब, सिख बच्चों की पगड़ी, ईसाई बच्चों के क्रॉस सब पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
देश दुनिया के इतिहास में 15 अप्रैल की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1469 : सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक का जन्म।
1658 : धरमत की लड़ाई में औरंगजेब ने राजा जसवत सिंह को हराया। सिंह को दारा शिकोह और शाहजहां ने औरंगजेब से लड़ाई करने के लिए भेजा था।
1689 : फ्रांस ने स्पेन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की।
1948 : हिमाचल प्रदेश की स्थापना।
1976: भारत ने 15 साल में पहली बार बीजिंग में अपना दूत भेजने की घोषणा की।
1980: छह गैर-सरकारी बैंक राष्ट्रीयकृत किए गए। इससे पहले भी कुछ बैंक इसी तरह राष्ट्रीयकृत हुए थे।
1981 : पाकिस्तान एयरवेज के अगवा बोईंग 720 विमान को दो सप्ताह की कोशिशों के बाद सीरिया में छुड़ा लिया गया। इस जहाज और इसमें सवार 147 लोगों को छुडाने के लिए पाकिस्तान सरकार को जेल में बंद 54 लोगों को छोड़ना पड़ा।
1990 : मिखाइल गोर्बाचेव सोवियत संघ के पहले और अंतिम राष्ट्रपति बने। वह इस पद पर आसीन पहले और अंतिम आदमी थे।
1994 : भारत ने 124 अन्य देशों के साथ जनरल एग्रीमेंट ऑफ ट्रेड एंड टैरिफ :जीएटीटी: पर हस्ताक्षर किए।
2004 : फ्रांस के राष्ट्रपति जॉक शिराक ने उस कानून पर हस्ताक्षर किए, जिसके जरिए सरकारी स्कूलों में किसी भी तरह के धार्मिक चिह्न पहनने पर पाबंदी लगा दी गई।
2010: भारत में निर्मित पहले क्रायोजेनिक रॉकेट जीएसएलवी-डी3 का प्रक्षेपण नाकाम।
2020 : देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या 11,933 पर पहुंची। कुल 392 लोगों ने महामारी में जान गंवाई।