- 5 राज्यों में जीत के बाद भाजपा का 2024 के लिए आत्मविश्वास बढ़ा हुआ है।
- लगातार हार और गांधी परिवार के नेतृत्व पर उठे सवाल से कांग्रेस नई चुनौती का सामना कर रही है।
- पंजाब में आम आदमी पार्टी की जीत ने उसके उम्मीदों को नए पंख लगा दिए हैं।
Holi Celebration: इस बार के फाल्गुन का अंत चुनावी दंगल के साथ खत्म हो रहा है। पांच राज्यों के चुनावों में जहां कुछ दलों को नई उम्मीदों के रंग मिले हैं, वहीं कुछ के लिए यह फीका रहा है। लेकिन होली के दिन सभी दल यह चाहेंगे कि इस बार की होली उनके राजनीतिक भविष्य में ढेर सारे रंग भर दे। तो आइए जानते हैं कि इस होली के मौके पर कौन से दल क्या मुरादे कर रहा होगा..
भाजपा
पांच राज्यों में से 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत के साथ सरकार बनाने जा रही भाजपा के लिए यह दौर रंगों से भरा हुआ है। वह पिछले आठ साल से जीत पर जीत दर्ज कर रही है। लेकिन इतनी जीतों के बावजूद भाजपा को 2024 का इंतजार रहेगा। और उसकी यही मुराद होगी कि न केवल वह अगले दो साल में गुजरात, हिमाचल सहित दूसरे राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में वह जीत हासिल करे, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनावो में भी उसे बड़ी जीत हासिल हो सके। इसके लिए सबसे बड़ा दांव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रहेगा। और योगी आदित्यनाथ नई उम्मीद होंगे।
कांग्रेस
लगातार हार से परेशान कांग्रेस पार्टी के नेताओं के मन में तो यही मुराद होगी कि इस बार होलिका दहन के साथ उनका बुरा दौर खत्म हो जाए। और आने वाले चुनावों में एक बार फिर वह जीत के रथ पर सवार हो। साथ ही गांधी परिवार यह भी चाहेगा उनके नेतृत्व उठ रहे सवाल भी खत्म हो। अब देखना होगा आने वाले समय में कांग्रेस अपनी जीत को पटरी पर लाने के लिए कौन सा रंग भरती है।
आम आदमी पार्टी
दिल्ली के बाद पहली बार सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी के लिए इस बार की होली रंगों से भरी हुई है। पंजाब में सत्ता हासिल करने के बाद अब पार्टी उत्तर भारत के दूसरे राज्यों में विस्तार की तैयारी में हैं। ऐसे में उसकी सबसे बड़ी मुराद यही होगी कि वह हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, राजस्थान जैसे राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर भाजपा के सामने मजबूत विपक्षी दल के रूप में खड़ी हो सके।
तृणमूल कांग्रेस
ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के बाद से मोदी के मुकाबले राष्ट्रीय राजनीति में विपक्ष का चेहरा बनना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने गोवा में बड़ा दांव लगाया था। लेकिन पार्टी कोई कमाल नहीं दिखा सकी। ऐसे में इस होली पर वह उनकी यही मुराद होगी कि पार्टी नई रणनीति के साथ आगे बढ़े और 2024 के लिए वह मोदी के मुकाबले विपक्ष का चेहरा बन सके।
समाजवादी पार्टी-बसपा
यूपी में चुनावों में अखिलेश यादव ने तो भाजपा को हराने के लिए बड़ा जोर लगाया था। लेकिन सीटें और वोट बढ़ाने के बावजूद वह अपनी पार्टी के लिए सत्ता में वापसी का रंग नहीं भर पाए। अब अखिलेश यादव इस कसर को 2024 में पूरा करना चाहेंगे। और इसके लिए वहीं यही मुराद करेंगे कि वह लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर किंगमेकर बन सके।
बसपा प्रमुख मायावती के लिए तो होली सबसे ज्यादा चिंतन वाली रहेगी। जिस तरह यूपी के चुनावों में बसपा का प्रदर्शन रहा है, उसे देखते हुए वह यहीं चाहेंगी कि एक बार फिर से वह पुराने रंग में नजर आए। और उन्हें लोग चूका हुआ नहीं मानें।
राजद और जनता दल (यू)
होली की बात हो और लालू प्रसाद यादव की बात न हो, ऐसा तो नहीं हो सकता है। अपनी होली के लिए प्रसिद्ध लालू प्रसाद यादव फिलहाल जेल में हैं, ऐसे में उनका परिवार उनकी सेहत की दुआ करेगा। और तेजस्वी यादव की यही मुराद होगी कि 2024 के चुनाव के लिए वह अपनी पार्टी को मजबूत कर सकें। जिससे केंद्रीय राजनीति में उनकी अहम भूमिक हो।
जनता दल (यू) के नीतीश कुमार भले ही बिहार के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन बड़े भाई से छोटे भाई बनने की उनकी कसक बनी हुई है। और हाल-फिलहाल यह उनके सार्वजनिक गुस्से से झलक जाता है। ऐसे में वहीं चाहेंगे कि एक बार फिर से वह बिहार में बड़े भाई की भूमिका में नजर आएं।