- एसपीजी अमेंडमेंट एक्ट लोकसभा में पेश, कांग्रेस ने सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
- पूर्व पीएम और उनके परिवार को सिर्फ पांच साल तक एसपीजी सुरक्षा देने का प्रावधान
- अगर पीएम का परिवार आधिकारिक आवास में रहता है तो उन्हें भी एसपीजी कवर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने लोकसभा में एसपीजी अमेंडमेंट एक्ट को पेश किया। संशोधित प्रावधान के तहत एसपीजी कवर मौजूदा पीएम को दिया जाएगा। इसके साथ ही अगर पीएम का परिवार उनके साथ आधिकारिक आवास में रहता है तो उन्हें भी सुविधा मिलेगी। इसके अलावा यह सुविधा सिर्फ पांच साल तक उन पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार को मिलेगी जो सरकार द्वारा आवंटित आवास में रहेंगे। सरकार द्वारा पेश इस संधोधित एक्ट पर लोकसभा में गरमागरम बहस हुई।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने उन वाकयों का जिक्र किया कि आखिर पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या हो गई। उन्होंने कहा कि वर्मा कमीशन की रिपोर्ट से साफ है कि जब राजीव गांधी से एसपीजी कवर हटाया गया तो उन्हें उपयुक्त सुरक्षा नहीं प्रदान की गई थी और नतीजा हम सब जानते हैं कि क्या हुआ। मनीष तिवारी ने कहा कि यह सरकार का अधिकार है कि वो एसपीजी के दायरे में किसे लाना चाहती है।लेकिन सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों को भी सियासत के चश्मे से देखा जाता है तो मामला साधारण नहीं रह जाता है।
इसके जवाब में गृह मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि सरकार गांधी परिवार की सुरक्षा के बारे में चिंतित नहीं है और उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने कहा कि खतरे के आकलन के आधार पर उनकी सुरक्षा वापस नहीं ली गई है, बल्कि बदल दी गई है। उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है।
अमित शाह ने कहा कि 2015 के बाद राहुल गांधी ने एसपीजी को बताए बिना भारत के अंदर 1892 बार और विदेशों में बिना एसपीजी को बताए करीब 247 बार यात्राएं की हैं। डॉ मनमोहन सिंह की सुरक्षा बदली गई। तब भी किसी ने हल्ला नहीं किया। चिंता करने के दो मापदंड आखिर क्या हैं? सुरक्षा की समीक्षा के बाद चंद्रशेखर जी की सुरक्षा वापस ली गई, कोई नहीं बोला, जबकि चंद्रशेखर जी बहुत बड़े नेता थे, नरसिम्हा राव जी की सुरक्षा ले ली गई, कोई नहीं बोला, आई के गुजराज जी की सुरक्षा ले ली गई। तब भी कोई नहीं बोला। चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की?
लोकसभा में एसपीजी संशोधन एक्ट को पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जो राजनेता इस विशेष सुरक्षा के दायरे में आते हैं उनकी समीक्षा की गई। समीक्षा करने के बाद ये पाया गया कि कुछ ऐसी शख्सियतें हैं जो इस एसपीजी सुरक्षा की हिमायत करते थे। लेकिन कई दफा ये पाया गया कि वो उन लोगों ने सुरक्षा से जुड़े नियमों की परवाह नहीं की। बता दें कि गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा कवर हटाए जाने के बाद कांग्रेस ने सड़क से लेकर संसद तक हंगामा किया और सरकार पर आरोप लगाया कि सिर्फ संकीर्ण राजनीतिक सोच की वजह से केंद्र सरकार ने एसपीजी सुरक्षा हटाए जाने का फैसला किया।