- गत दिनों मास्को में विदेश मंत्री एस जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष के साथ हुई बातचीत
- इस बैठक में भारत-चीन के बीच तनाव कम करने के लिए पांच सूत्री फॉर्मूले पर सहमति बनी
- भारत ने कहा है कि एलएसी पर यथास्थिति के बदलाव में एकतरफा कोशिश न करे चीन
नई दिल्ली : सीमा पर तनाव कम करने के लिए भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता होने से पहले विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि 'सेनाओं की जल्दी वापसी और विवाद खत्म करने के लिए' हाल ही में दोनों देशों के मंत्रियों के बीच एक सहमति बनी है। इस सहमति को देखते हुए भारत यह उम्मीद करता है कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति में बदलाव करने की एकतरफा कोशिश नहीं करेगा।
अपने साप्ताहिक ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बातचीत में एक सहमति बनी है। दोनों मंत्रियों ने एलएसी के पास विवाद के सभी जगहों से तेजी के साथ सैनिकों को पूरी तरह से वहां से हटाएंगे। चीनी पक्ष को इमानदारी के साथ भारत के साथ मिलकर पैंगोंग झील सहित विवाद के सभी जगहों से जल्द से जल्द सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए।'
जयशंकर और यांग यी के बीच हुई बातचीत
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह विदेश मंत्री एस जयशंकर की अपने चीनी समकक्ष यांग यी के साथ मास्को में बैठक हुई। इस बैठक में सीमा पर गत तीन महीने से ज्यादा समय से जारी विवाद एवं तनाव में कमी लाने के लिए एक पांच सूत्री फॉर्मूले पर सहमति बनी। इस बातचीत में दोनों पक्ष इस बात पर सहमति हुए कि दोनों देशों की सेनाओं को आपस में बातचीत जारी रहनी चाहिए और आपसी तनाव कम करना चाहिए।
एलएसी पर है तनाव
गत 15 जून को गलवान घाटी में हुई दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इस घटना के बाद से पूर्वी लद्दाख सहित एलएसी पर तनाव काफी बढ़ गया। गत 29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में ऊंची पहाड़ियों पर अपना नियंत्रण करने की कोशिश की लेकिन भारतीय सेना ने उनके इस प्रयास को विफल कर दिया।
भारत ने तेजी की है अपनी तैयारी
पूर्वी लद्दाख में चीन के लंबे समय तक टिके रहने की मंशा भांपकर भारत ने अपनी तैयारी तेज कर दी है। भारत ने चीन को दो टूक शब्दों में कहा है कि वह शांति चाहता है लेकिन युद्ध के लिए भी तैयार है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एलएसी के ताजा हालात की जानकारी संसद को दी है। सेना ने भी चीन को आगाह करते हुए कहा है कि वह चीन का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।