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Coronavirus: भारत में इस तरह की जा रही कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान, AIIMS के डॉक्टरों ने बताई अहम बातें

Updated Mar 07, 2020 | 16:08 IST

Coronavirus : कोरोना वायरस की बीमारी, इसके लक्षण, बचाव व इलाज पर क्या कहते हैं दिल्ली एम्स के डॉक्टर जानिए-

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तस्वीर साभार:&nbspAP
कोरोना वायरस के लक्षण और उपचार
मुख्य बातें
  • कोरोना वायरस के मरीजों की पहचान किस तरह की जा रही है एम्स के डॉक्टरों ने बताया
  • 80 देशों से आए लोगों और उनके संपर्क में आए लोगों की जांच की जा रही है
  • इसके लक्षण सामान्य फ्लू और सामान्य बुखार जैसे ही होते हैं लेकिन इन पर भी गौर करना जरूरी है
  • इसका अभी तक कोई इलाज सामने नहीं आया है, मरीजों के सामान्य लक्षणों का इलाज किया जाता है

नई दिल्ली : कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत में भी इसका खतरा बढ़ता जा रहा है। देश के सबसे बड़ मेडिकल इंस्टीट्यूट एम्स ने इस वायरस से बचाव के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (SOP) जारी किया है। इस एसओपी के मुताबिक इस वायरस से पीड़ित लोगों में पाए जाने वाले लक्षण सामान्य बुखार जैसे ही होते हैं। इनमें खांसी, जुकाम, सांस लेने में दिक्कत और कफ जैसी बीमारियां हैं। 83 फीसदी मरीजों में शुरुआती लक्षण ऐसे ही पाए गए हैं। 

एम्स ने बताया कि किस तरह से इनके मरीजों की पहचान की जा रही है। इसके मरीजों की जांच के दौरान कुछ चीजों पर खासतौर पर गौर किया जाता है। खास तौर पर मरीज की ट्रैवल हिस्ट्री चेक की जाती है। इसमें देखा जाता है कि मरीज कहीं विदेश की यात्रा करके तो नहीं आया है। शुरुआत में चीन की यात्रा से वापस लौटे यात्रियों की स्वास्थ्य जांच की जाती थी लेकिन अब करीब 80 देश ऐसे हैं जहां से लौटे यात्रियों की जांच की जा रही है। 

इस तरह होती है मरीजों की पहचान
इसके बाद ये चेक किया जाता है कि कितने लोग इनके संपर्क में आए। इसमें ये भी देखा जा रहा है कि कौन मरीज के सबसे क्लोज संपर्क में है। इसमें मरीज के साथ आने-जाने वाले मेडिकल स्टाफ और या फिर उनके परिजनों की जांच। फ्लाइट ट्रेन या बस कहीं पर भी उस मरीज के आस-पास या आगे पीछे जो भी बैठे हैं उन्हें संभावित मरीज के तौर पर देखा जा रहा है।

एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि भारत में अभी जितने भी इसके मरीज सामने आए हैं वे विदेश से संक्रमित होकर आए हैं, इनमें कोई भारतीय मूल रुप से यहां बीमार नहीं हुआ है। इसलिए भारत में इसका कंट्रोल संभव है हालांकि इसे लेकर काफी बचाव व जागरुकता की जरूरत है। 

मास्क नहीं देता बचने की गारंटी
लोगों का मानना है कि मास्क के इस्तेमाल से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है लेकिन यह पूर्ण सत्य नहीं है। मास्क से कोरोना वायरस से बचने की गारंटी नहीं है। इससे बचाव यही है कि सार्वजनिक जगहों पर या ज्यादा भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें, अगर संपर्क में आते हैं तो इसके बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से सैनिटाइज करें। ये वायरस इतना खतरनाक है कि इसमें मास्क असरकारक नहीं हो रहा है। 

क्या गर्मी में खत्म हो जाएगा वायरस
गर्मी में वायरस खत्म हो जाएगा इस पर भी डॉक्टरों को संदेह है। डॉक्टरों का मानना है कि ये जरूर सही है कि तेज गर्मी वायरस बर्दाश्त नहीं कर पाते और उनका अस्तित्व खत्म हो जाता है लेकिन इस वायरस के बारे में अभी तक लोगों को ठीक से पता नहीं है तो ऐसे में कहा नहीं जा सकता है कि गर्मी में यह कैसे बिहेव करेगा। 

इसके साधारण लक्षण
कोरोना वायरस के लक्षण और मौसमी बीमारी के लक्षण आम तौर पर समान होते हैं। फिर भी इसके बीरे में गहराई से जानना आवश्यक है। कोरोना वायरस के साधारण लक्षण सिर में तेज दर्द, बुखार, बदन दर्द, खांसी में खून आना, दस्त हैं। लेकिन अगर आपको सर्दी बुखार है तो आप फौरन पैनिक ना हो जाएं कि आपको कोरोना वायरस है। इसके लिए लक्षणों पर गौर करने की जरूरत है। इसके लक्षण सामने आने में 1 से 14 दिन या 24 दिन भी लग जाते हैं। 

इसके मरीजों में 5 फीसदी मामलों में न्यूमोनिया, फेफड़े खराब होना और अंगों का काम बंद करना हो जाता है। इसके इलाज के बाद ठीक होने में 6 हफ्ते तक का समय लग जाता है। शुरुआती मामलों में 2 हफ्तों में भी मरीज ठीक हो जाता है। 

क्या है दवा
फिलहाल कोरोना वायरस एक लाइलाज बीमारी है। इसकी कोई दवा अभी तक ईजाद नहीं की गई है। इसके लक्षणों को देखकर इलाज किया जा रहा है।

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