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औपचारिक घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने नंदीग्राम के नतीजों को कैसे पलटा? हमलोग अदालत जाएंगे : ममता बनर्जी

Updated May 03, 2021 | 16:43 IST

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि नंदीग्राम के नतीजों को कैसे पलटा? हमलोग कोर्ट जाएंगे।

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ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार टीएमसी की प्रचंड जीत के एक दिन बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी को 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं करना चाहिए था, बीजेपी का 77 सीट जीतना चुनाव आयोग के योगदान की वजह से है। उन्होंने कहा कि औपचारिक घोषणा के बाद चुनाव आयोग ने नंदीग्राम के नतीजों को कैसे पलटा? हमलोग अदालत जाएंगे। ममता ने दावा कि नंदीग्राम के चुनाव अधिकारी ने कहा कि पुनर्मतगणना का आदेश उनके जीवन को खतरे में डाल सकता है। सरकार बनाने के सवाल पर ममता बनर्जी ने कहा कि शाम सात बजे राज्यपाल से मिलूंगी, पार्टी शाम में शपथ ग्रहण और मंत्रिमंडल के गठन पर फैसला करेगी। राजभवन के सूत्र ने भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी शाम 7 बजे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मिलेंगी और सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी।

गौर हो कि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज करने वाली सत्तारूढ़ टीएमसी कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट पर कभी सहयोगी रहे अब बीजेपी के प्रत्याशी शुभेंदु अधिकारी से हार गई हैं। वहीं, टीएमसी ने मतगणना प्रक्रिया में धांधली का आरोप लगाते हुए दोबारा मतों की गिनती करने की मांग की है। चुनाव आयोग ने बताया कि नंदीग्राम सीट से शुभेंदु अधिकारी 1,956 मतों से विजयी हुए हैं। आयोग ने पुष्टि की है कि अधिकारी को 1,10,764 मत मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी बनर्जी के पक्ष में 1,08,808 मत पड़े। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के मुताबिक 6227 मतों के साथ माकपा की मीनाक्षी मुखर्जी तीसरे स्थान पर रहीं।

हालांकि, आधिकारिक नतीजे आने से पहले घंटों तक भ्रम की स्थिति रही क्योंकि मीडिया के एक धड़े में अधिकारी पर ममता की जीत की खबर चलने लगी थी। टीएमसी ने इसके मद्देनजर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर दोबारा मतदान कराने की मांग की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक टीएमसी ने आरोप लगाया कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है और उनकी संख्या में विसंगति है, मतदान प्रक्रिया भी बार-बार रोकी गई और उसकी जानकारी चुनाव अधिकारियों ने नहीं दी।

पार्टी ने आरोप लगाया कि बनर्जी के पक्ष में पड़े वैध मतों को खारिज कर दिया गया जबकि बीजेपी के पक्ष में अमान्य मतों को भी गिना गया। टीएमसी ने दोबारा मतों की गिनती करने से पीठासीन अधिकारी के इनकार को कानून के लिए खराब करार दिया।

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