नयी दिल्ली: देश के बेहद प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में इन दिनों खासी गहमा गहमी है रविवार को यहां कुछ नकाबपोशों के हमले में करीब 25 छात्र घायल हुए थे। जिसके बाद आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु हुआ था। वहीं इस मामले पर शुक्रवार को एचआरडी मिनिस्ट्री ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन की पांच सदस्यीय टीम से शुक्रवार को मुलाकात की। इस टीम में विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार भी शामिल थे।
यह आपात बैठक परिसर में जारी स्थिति पर चर्चा करने और छात्रों एवं प्रशासन के बीच मौजूदा गतिरोध को सुलझाने के लिए बुलाई गई थी,जेएनयू के रजिस्ट्रार और तीन रेक्टर भी इस टीम का हिस्सा थे।
एचआरडी मंत्रालय ने पहले जेएनयू प्रशासन से बात की है, वहीं जेएनयू के तीन प्रोफेसरों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाकर जेएनयू हिंसा से जुड़े सीसीटीवी फुटेज व अन्य सबूतों को संरक्षित रखने की बात कही है।
जेएनयू के बाहर हिंदू सेना के पोस्टर भी नजर आ रहे हैं इनकी तादात खासी ज्यादा है, इसमें लिखा है, चीन समर्थक एसएफआई से, जेएनयू में अश्लीलता फैलाने वालों से, आजादी, एसएफआई को बैन करो
इससे पहले जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार को हटाने की मुहिम से पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी भी जुड़ गए हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में एचआरडी मंत्री रहे जोशी ने गुरुवार को अपना नजरिया पेश करते हुए कहा कि ऐसे वीसी को पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए जो सरकार की बात न सुनता हो। उन्होंने कहा कि ऐसी रिपोर्टें हैं कि एचआरडी मंत्रालय ने इस विवाद का हल निकालने के लिए उन्हें सुझाव दिए लेकिन उन्होंने उन प्रस्तावों को नजरंदाज किया।
वहीं इस पर पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने भी ट्वीट करते हुए कहा है-मैं डॉ. मुरली मनोहर जोशी से सहमत हूं कि वीसी जेएनयू बर्खास्त किए जाने के हकदार हैं।