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ऑड-ईवन के दौरान बस से यात्रा करेंगे दिल्ली के परिवहन मंत्री 

Updated Oct 13, 2019 | 17:00 IST | IANS

दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Control) करने के लिए एक बार फिर ऑड-ईवन योजना शुरू होने जा रही है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने कहा, इस दौरान मैं खुद बस से यात्रा करूंगा।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
Odd-Even in Delhi

नई दिल्ली : ऑड-ईवन योजना (Odd-even Scheme) को दिल्ली में तीसरी बार 4 से 15 नवंबर तक फिर से लागू करने की तैयारी चल रही है। दिल्ली के परिवहन मंत्री (Delhi Transport Minister) कैलाश गहलोत (Kailash Gehlot) ने वादा किया है कि दिल्ली सरकार के मंत्रियों को भी इससे छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वह खुद इस दौरान मेट्रो, बस और कारपूल (कई सारे लोग एक ही वाहन का इस्तेमाल करते हैं) में यात्रा करेंगे।

उन्होंने कहा, 'जो नियम जनता पर लागू होंगे, हम भी उस नियम का पालन करेंगे। आप खुद मुझे बस और मेट्रो में यात्रा करते देखेंगे। मैं जरूरत पड़ने पर कारपूल का इस्तेमाल भी करूंगा। किसी को कोई राहत नहीं दी जाएगी।'

पिछले महीने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्दियों के दौरान पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली जलाए जाने के बाद राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सात-सूत्री कार्ययोजना की घोषणा की थी।

इस कार्ययोजना में ऑड-ईवन लागू करना, सामुदायिक दिवाली लेजर शो, प्रदूषण मास्क का वितरण करना, पर्यावरण मार्शलों की तैनाती और धूल नियंत्रण के लिए एक योजना का कार्यान्वयन करना शामिल है।

हलांकि, ऑड-ईवन योजना के दौरान सरकार ने सीएनजी से चलने वाले निजी वाहनों और महिलाओं के वाहनों को राहत प्रदान की है। उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। इसके अलावा अभी इसमें दोपहिया वाहनों को शामिल करने पर फैसला नहीं लिया गया है।

गहलोत ने कहा कि दिल्ली में 70 लाख पंजीकृत दोपहिया वाहन हैं और सरकार अंतिम निर्णय तक पहुंचने के लिए प्रदूषण के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार 4 से 15 नवंबर के बीच 2 हजार अतिरिक्त बसें चलाएगी।उन्होंने कहा, 'सड़कों से आधा दोपहिया वाहनों को हटा देना व्यावहारिक नहीं है। दिल्ली के सार्वजनिक परिवहन की इतनी अधिक क्षमता नहीं है कि वह लोगों के इतने भार को सह सके।'

गहलोत ने आगे कहा, 'दुनिया के किसी भी शहर के सार्वजनिक परिवहन में एक समय में लगभग 25 से 30 लाख अतिरिक्त लोगों को समायोजित करने की क्षमता नहीं है।' नियमों के उल्लंघन पर क्या करना सही रहेगा, इसके तौर-तरीकों पर दिल्ली सरकार अभी भी काम कर रही है।

गहलोत ने इस बात से इनकार कर दिया कि नए मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार जुर्माना 20,000 रुपये होगा। उन्होंने कहा, 'हम नहीं चाहते कि लोग भारी जुर्माना भरें। योजना का यह उद्देश्य ही नहीं है। जुर्माने की राशि पर हम मंथन कर रहे हैं।'

गहलोत ने आगे कहा, 'इसके अलावा पिछली बार हमने योजना के दिनों में यातायात की निगरानी के लिए सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को तैनात किया था और ये वॉलंटियर्स जुर्माना नहीं ले सकते हैं।'
 

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