कोरोना के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीनेशन बड़ा हथियार है। लेकिन वैक्सीनेशन के मुद्दे पर कांग्रेस, केंद्र सरकार पर हमलावर है। इस विषय पर राहुल गांधी ने कुछ वीडियो को ट्वीट कर पूछा कि अब तो जुलाई भी बीत गई, वैक्सीन कहां गई। उनके इस ट्वीट पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुथ मांडविया ने तुरंत पलटवार किया को राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी भी पीछे नहीं रहे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस यह न भूले कि उसके राज में विदेशी टीके से पोलियो उन्मूलन करने में 26 साल लगे थे।
सुशील मोदी ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
सुशील मोदी ने कहा कि भारत की वैक्सीन और दुनिया में सबसे तेज टीकाकरण पर कोरोना योद्धाओं का मनोबल बढाने के बजाय राहुल गांधी लगातार नकारात्मक टिप्पणी करते रहे, लेकिन यदि इस समय उनकी सरकार होती, तो भारत को वैक्सीन के लिए दुनिया के आगे हाथ फैलाना पड़ता। दरअसल जुलाई महीने की शुरुआत में राहुल गांधी ने कहा था कि अब तो जुलाई भी आ गई, वैक्सीन कहां आई। उसके बाद एक अगस्त को ट्वीट कर फिर पूछा कि अब जुलाई बीत गई वैक्सीन कहां गई।
राहुल गांधी पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कसा था तंज
राहुल गांधी के ट्वीट पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने सवाल किया कि जुलाई के महीने में 13 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगी और उनमें से एक शख्स राहुल गांधी थे। दरअसल राहुल गांधी को ओछी राजनीति करने की आदत रही है। जुलाई के महीने में सरकार तय टारगेट के करीब रही है। लेकिन जिन लोगों को राजनीति करने की आदत पड़ चुकी हो उससे आप इस तरह के बयान की ही उम्मीद कर सकते हैं।
भारत ने खुद का टीका विकसित किया
आजादी के बाद से यह पहला मौका है, जब भारत ने किसी महामारी का सामना करने के लिए स्वयं टीका विकसित किया और वह भी संक्रमण का पता चलने के मात्र साल-भर के भीतर।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए अप्रैल-2020 में उच्चस्तरीय टास्क गठित किया और वैक्सीन बनाने की क्षमता रखने वाली चुनिंदा कंपनियों की मदद कर उनका हौसला बढाया, जिससे कोवैक्सीन विकसित करने में हमारे चिकित्सा वैज्ञानिकों को सफलता मिली।
करोड़ों लोगों के जीवन को भारत ने बचाया
भारत दुनिया के उन 12 देशों में प्रमुख है, जिन्होंने वैक्सीन विकसित कर करोड़ों लोगों में जीवन बचाने का विश्वास जगाया। कांग्रेस, राजद, सपा और टीएमसी जैसे विपक्षी दलों ने इस उपलब्धि पर भी ओछी राजनीति की।भारत में अब तक सबसे ज्यादा 46 करोड़ टीके लगाये गए, जबकि अमेरिका में 33 करोड़ और जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस जैसे अमीर देशों में 6 से 8 करोड़ टीके ही लगवाये जा सके।जुलाई महीने में जो 13 करोड़ टीके लगे, उनमें लालू प्रसाद भी हैं, जिन्होंने न टीका बनाने वाले वैज्ञानिकों को बधाई दी, न गरीबों से टीका लेने की अपील की।