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एलोपैथी: IMA ने रामदेव को बताया राष्ट्र-विरोधी, कहा-'वे जन-विरोधी और मानवता-विरोधी हैं वे दया के पात्र नहीं'

Updated Jun 01, 2021 | 23:46 IST

आईएमए ने मंगलवार को कहा कि योग गुरु रामदेव ने कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने संबंधी सरकार के प्रयासों को ‘‘अपूरणीय’’ क्षति पहुंचाई है और ऐसे समय में भ्रम पैदा करने वाले लोग 'राष्ट्र-विरोधी' हैं।

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बाबा रामदेव बनाम आईएमए

दिल्ली: एलोपैथी पर योग गुरु के बयान से भड़के आईएमए ने इस मुद्दे पर सख्‍त रुख अपनाया हुआ है। मंगलवार को एसोसिएशन ने दोबारा एक बयान जारी कर रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उसने कहा कि वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम को लेकर रामदेव ने लोगों में भ्रम फैलाया। ऐसे लोग देशद्रोही हैं।

आईएमए ने नागरिकों को एक खुले पत्र में यह भी आरोप लगाया कि रामदेव ने अपने उत्पादों के लिए 'बाजार' तलाशने के एक मौके के रूप में राष्ट्रीय कोविड उपचार प्रोटोकॉल और टीकाकरण कार्यक्रम के खिलाफ अपना अभियान शुरू करना उचित समझा।

आईएमए ने कहा, 'रामदेव ने महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है।'उसने कहा, 'राष्ट्रीय उपचार प्रोटोकॉल और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में एक महामारी के दौरान भ्रम पैदा करने वाले लोग देशद्रोही और राष्ट्र-विरोधी हैं। वे जन-विरोधी और मानवता-विरोधी हैं। वे दया के पात्र नहीं हैं।'

आईएमए ने रामदेव के खिलाफ फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और देश के अन्य मेडिकल तथा रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन द्वारा बुलाए गए विरोध को समर्थन दिया है। इन डॉक्टरों ने काला फीता बांधकर विरोध किये जाने का आह्वान किया था।आईएमए ने कहा कि आधुनिक चिकित्सा, महामारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे है और 1,300 डॉक्टरों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।उसने एक पत्र में कहा कि मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों से लेकर आपात देखभाल चिकित्सक तक, हर एक डॉक्टर को लोगों की सुरक्षा में तैनात किया गया है।

 पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने आईएमए के इन आरोपों का खंडन किया था

आईएमए ने कहा, 'राष्ट्रीय कोविड प्रोटोकॉल और राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के खिलाफ लोगों के मन में भ्रम पैदा करना एक राष्ट्र विरोधी कार्य है। आईएमए ने इसे देशद्रोह के रूप में मानने और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उन पर (रामदेव) मुकदमा चलाने की मांग की है।' पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने 22 मई को आईएमए के इन आरोपों का खंडन किया था कि योग गुरु ने एलोपैथी के खिलाफ बयान देकर लोगों को गुमराह किया है और वैज्ञानिक आधुनिक चिकित्सा को बदनाम किया है।

रामदेव ने एलोपैथी पर अपना बयान वापस ले लिया था

बाद में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के कड़े शब्दों में लिखे गए पत्र के बाद रामदेव ने एलोपैथी पर अपना बयान वापस ले लिया था। आईएमए ने आरोप लगाया कि रामदेव के समर्थकों ने आईएमए और इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पर 'दुर्भावनापूर्ण हमलों की रणनीति' अपनाने का प्रयास किया है। उसने कहा, 'देश में अब तक कोविड-19 रोगियों की कुल संख्या 2.78 करोड़ है और 2.54 करोड़ ठीक हो चुके हैं। मृत्यु दर 1.16 प्रतिशत बनी हुई है। यह देखा जा सकता है कि भारतीय डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों ने अथक संघर्ष किया है।'

दिल्ली के अस्पतालों में रेजीडेंट चिकित्सकों का 'काला दिवस' प्रदर्शन

ऐलोपैथी के संबंध में योग गुरु रामदेव की टिप्पणी से आहत दिल्ली के कई अस्पतालों के रेजिडेंट चिकित्सकों ने मंगलवार को राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत प्रदर्शन किया।

चिकित्सकों की मांग है कि या तो रामदेव बिना शर्त माफी मांगें या उनके खिलाफ महामारी रोग अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) ने प्रदर्शन का आह्वान 29 मई को किया था और इस बात पर जोर दिया था कि आंदोलन के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित नहीं होने दी जाएंगी। दिल्ली के रेजिडेंट चिकित्सकों ने काली पट्टियां और रिबन पहनकर प्रदर्शन किया।

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