- अरब सागर से गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तटों की ओर बढ़ेगा चक्रवाती तूफान
- अगले 24 घंटों के दौरान पूर्व-मध्य और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर में तीव्र होगा तूफान
- 3 जून तक उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्र में पहुंचने की है संभावना
मुंबई: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने रविवार को कहा कि अरब सागर के ऊपर एक चक्रवाती तूफान चल रहा है और इसके 3 जून तक महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय जिलों तक पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिणपूर्व और इससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के ऊपर आज सुबह एक कम दबाव का क्षेत्र बना है और दोपहर तक उसी क्षेत्र में बना हुआ है।
अगले 24 घंटों के दौरान इस कम दबाव के क्षेत्र का पूर्व-मध्य और इससे सटे दक्षिण-पूर्व अरब सागर पर तीव्र होकर डिप्रेशन बनाने की बहुत संभावना है और बाद के 24 घंटों के दौरान इसके और तेज होकर चक्रवाती तूफान बनने की संभावना है। इसके उत्तर की ओर बढ़ने और 3 जून तक उत्तर महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय क्षेत्र में पहुंचने की बहुत संभावना है।
1 जून तक केरल में मानसून
मौसम विभाग ने यह भी कहा कि मानसून अभी तक केरल नहीं पहुंचा है और 1 जून के बाद राज्य में मानसून के लिए स्थितियां अनुकूल होंगी। मीडिया से बात करते हुए, आईएमडी के अधिकारी मृत्युंजय महापात्र ने कहा, 'दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप के पास आज एक कम दबाव का क्षेत्र बना है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह कल तक यह चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा।'
अम्फान के बाद दूसरा चक्रवाती तूफान!
केरल के लिए मौसम का पूर्वानुमान देते हुए, महापात्रा ने कहा, 'मानसून अभी तक केरल तट पर नहीं पहुंचा है। हम नियमित रूप से इसकी निगरानी कर रहे हैं। हम अपने पहले के पूर्वानुमान के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि मानसून, 1 जून के बाद की स्थिति के लिए अनुकूल होगा।' गौर करने वाली बात ये है कि गुजरात और महाराष्ट्र के तटों के पास एक चक्रवाती तूफान के आने की संभावना तब जताई जा रही है जब पहले ही अम्फान नाम का चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में कहर बरपाते हुए लगभग 100 लोगों की जान ले चुका था।
केरल सरकार ने उठाया ये कदम
आगामी मानसून के मद्देनजर केरल में मछली मारने की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आगामी मानसून के मद्देनजर राज्य में मछली पकड़ने की गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
इस बीच, कोच्चि में मछुआरों ने कहा है कि वे एक तरफ मानसून की वजह से नुकसान उठा रहे हैं और दूसरी तरफ केरल तट तथा दक्षिण-पूर्व अरब सागर में मछली मारने पर पूर्ण प्रतिबंध है।मछुआरे बीजू ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'लॉकडाउन के दौरान हमारे पास कोई काम नहीं था। हम सरकार से प्रतिबंध की समय अवधि को कम करने का अनुरोध करते हैं क्योंकि व्यापार घाटे में है।'