- मदर डेयरी का टोकन मिल्क अब इसी श्रेणी के पैक्ड मिल्क के मुकाबले 4 रुपये सस्ता होगा
- इसे लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने के लिए प्रेरित करने के तौर पर देखा जा रहा है
- सरकार ने 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती से सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद करने का आह्वान किया है
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले से अपने संबोधन में सिंगल यूज प्लास्टिक यानी एक बार ही इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक को बंद करने का आह्वान किया था। सरकार ने इस दिशा में पहल भी शुरू कर दी है, जिसके तहत 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह बंद करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। इसी के तहत दिल्ली-एनसीआर में दूध एवं अन्य दुग्ध उत्पादों की अपूर्तिकर्ता मदर डेयरी ने भी महत्वपूर्ण फैसला लिया है।
मदर डेयरी ने एक लीटर टोकन दूध की कीमत प्लास्टिक की थैली में बंद इसी श्रेणी के दूध से 4 रुपये कम रखने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि इससे लोग टोकन दूध खरीदने के लिए प्रेरित होंगे, जो टोन्ड मिल्क होता है। टोन्ड मिल्क टोकन से मिलने के साथ-साथ प्लास्टिक की थैलियों में भी उपलब्ध है, पर इस फैसले से वे लोग टोकन मिल्क लेने के लिए प्रेरित होंगे, जो टोन्ड मिल्क लेते हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक की थैलियां बंद करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के मकसद से मदर डेयरी 'डोर टू डोर' सप्लाई बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है।
मदर डेयरी के प्रवक्ता के मुताबिक, लोगों की जरूरतों और टोकन मिल्क की खपत को देखते हुए दिल्ली और एनसीआर में 10 लाख लीटर रोजाना इसकी आपूर्ति की जाएगी। चूंकि अधिक लोग टोकन मिल्क खरीदेंगे, इसलिए कैश इन्सेंटिव में भी बढ़ोतरी के आसार हैं और यह 140 करोड़ रुपये सालाना हो सकता है, जो अभी 90 करोड़ के आसपास है। मदर डेयरी के करीब 900 बूथ के जरिये दिल्ली-एनसीआर में अभी करीब 6 लाख लीटर रोजाना दूध की आपूर्ति की जा रही है।