- कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लौटे हैं बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर
- गरीब कल्याण रोजगार अभियान से पश्चिम बंगाल को भी जोड़ने की मांग कांग्रेस नेता ने की
- इस अभियान में छह राज्यों के 116 जिलों को शामिल किया गया है, 125 दिनों तक चलेगा यह कार्यक्रम
नई दिल्ली : कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' में पश्चिम बंगाल को भी शामिल करने की मांग की है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता इसके लिए पीएम मोदी को पत्र लिखा है। चौधरी ने रविवार को कहा, 'मैं आपका ध्यान इस ओर लाना चाहता हूं कि आप ने गरीब कल्याण रोजगार अभियान की घोषणा की है और इस अभियान में छह राज्यों के 116 जिलों को शामिल किया गया है। यह कार्यक्रम प्रवासी मजदूरों को कथित रूप से आजीविका देने के लिए इन राज्यों में 125 दिनों तक चलेगा।'
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'इस अभियान में शामिल होने वाले जिलों को शामिल करने के लिए जो मानक बताए गए हैं उसके हिसाब से जिलों में वापसी करने वाले प्रवासी मजदूरों की आबादी कम के कम 25 हजार होनी चाहिए। लॉकडाउन की वजह से पश्चिम बंगाल में लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर लौटे हैं। ये मजदूर बेरोजगार हैं, इनके पास पैसे नहीं हैं और निराश हैं।' कांग्रेस नेता ने लिखा है कि, 'पश्चिम बंगाल उन राज्यों में से एक है जहां से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में काम करने के लिए जाते हैं लेकिन मैं यह देखकर हैरान हूं कि इस अभियान में राज्य से एक भी जिले को शामिल नहीं किया गया है।'
बता दें कि शनिवार को पीएम मोदी ने 50 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' का शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए शुभारंभ किया। इस अभियान की शुरुआत बिहार के कटिहार से हुई। पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जब इस अभियान की घोषणा की तो उस समय बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड एवं ओडिशा के मुख्यमंत्री मौजूद थे। अभियान की शुरुआत करते हुए पीएम ने कहा कि कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जो कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में प्रवासी मजदूरों के प्रयासों को न देख पा रहे हों लेकिन गांवों ने जिस तरह से इस महामारी से लड़ा है उससे शहरों को एक बड़ा सबक सीखने को मिला है।