- आंध्र प्रदेश के चार जिलों में गधों के मीट को लेकर बढ़ी दीवानगी
- स्वाद, ताकत और पौरुषत्व बढ़ाने की वजह से गधों को मारा जा रहा है
- आंध्र प्रदेश में महज 5 हजार गधे बचे हैं।
नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश में गधों पर शामत आई हुई है, आप सोच रहे होंगे आखिर ऐसा क्या हुआ है। दरअसल आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में लोगों के खाने के स्वाद में बदलाव आया है। नानवेज के शौकीन लोगों को गधे की मीट अच्छी लग रही है और उसका असर गधों की जनसंख्या पर पड़ रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आंध्र में गधों के मीट को लेकर जो दीवानगी है उसके पीछे की वजह क्या है। इस समय आंध्र प्रदेश में महत 5 हजार गधे बचे हुए हैं
आंध्र के चार जिलों में डंकी मीट के शौकीनों में इजाफा
आंध्र प्रदेश के गोदावरी, कृष्णा प्रकाशम और गुंटूर में गधों की मीट के प्रति दीवानगी बढ़ गई है, यह बात अलग है कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स 2011 के मुताबिक मीट के लिए गधों को मारना प्रतिबंधित है। अब गधे के मीट को पसंद करने वाले क्या कहते हैं उसे जानना भी जरूरी है। इस संबंध में लोगों का कहना है कि गधे के मीट से ना केवल ताकत बल्कि पौरुषत्व में इजाफा होता है, यूं कह सकते हैं यौन शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
गधे से जुड़े कुछ तथ्य
- एक गधे की कीमत 10 से 15 हजार के बीच होती है।
- व्यापारी गधों को अवैझ तरीके से ट्रकों में भरकर एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं।
- सितंबर 2013 में मुंबई पुलिस ने आठ गधों को तस्करों से आजाद कराया था।
- गधे की मीट के शौकीन लोगों का मानना है कि संतान पैदा करने की क्षमता बढ़ जाती है।
- प्रकाशम, गुंटूर, कृष्णा और वेस्ट गोदावरी जिलों में अवैध तरीके से गधों को मार दिया जाता है।
- इस समय आंध्र प्रदेश में महज 5 हजार गधे बचे हैं। अगर पूरे भारत की बात करें तो 1 लाख 20 हजार गधे हैं।
यौन शक्ति बढ़ाने का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं
बड़ी बात यह है कि जिन लोगों को गधे का मीट पसंद है उसके लिए वो लोग तरह तरह की मुश्किलों का सामना करते हैं। पहले तो लंबी दूरी तय करनी होती है उसके बाद बड़ी कीमत अदा करनी होती है। जानकारों का कहना है कि लोग अज्ञानतावश ऐसा कर रहे हैं। गधों के मीट में स्वाद एक वजह हो सकती है। लेकिन यौन शक्ति में इजाफा होता है इसके बारे में किसी तरह का वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है।