- लाल किले पर ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों का हुआ सम्मान
- पीएम ने कहा कि खिलाड़ियों की उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी
- प्रधानमंत्री ने ताली बजवाकर पदक विजेता खिलाड़ियों का स्वागत किया
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लाल किले की प्रचारी से देश को आठवीं बार संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने देश के महापुरुषों, स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। लाल किले पर विशेष रूप से आमंत्रित ओलंपिक पदक विजेता खिलाड़ियों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खिलाड़ियों ने हमारा दिल तो जीता ही है, साथ ही इन्होंने आने वाली युवा पीढ़ी को प्रेरित करने का काम किया है। खिलाड़ी देश के गौरव हैं। पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान में प्रधानमंत्री ने लाल किले पर मौजूद सभी लोगों से ताली बजवाई।
महापुरुषों को याद करते हुए भाषण की शुरुआत की
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीएम ने महात्मा गांधी, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर, जवाहर लाल नेहरू और आजादी में योगदान देने वाले महापुरुषों को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विभाजन को याद करते हुए पीएम ने कहा कि देश का बंटवारा पिछले सदी की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है। पीएम ने कहा कि इस 14 अगस्त को याद करने के लिए सरकार ने 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है।
कोरोना संकट का जिक्र किया
पीएम ने अपने भाषण में कोरोना संकट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत के पास अगर टीका नहीं होता तो समझिए क्या होता। इस संकट से निपटने के लिए भारत ने अपना खुद का टीका निर्मित किया। पहले विदेशों से टीका मिलने में दशकों लग जाते थे। प्रधानमंत्री ने कोरोना वॉरियर्स के योगदान का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपने टीकों की बदौलत ही अपने यहां दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है।
राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी
आजादी की 75वीं वर्षगांठ के लिए लाल किला पहुंचने से पहले पीएम आज सुबह राजघाट गए और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वह लाल किला पहुंचे। लाल किले पर गॉर्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने लाल किले की प्राचारी पर झंडावरोहण किया। इस मौके पर पहली बार दो एमआई-35 हेलिकॉप्टरों ने पुष्पवर्षा की।