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गोगरा हाइट्स से सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए भारत-चीन, करीब 4 महीने बाद हुई थी 12वें दौर की वार्ता

Updated Aug 03, 2021 | 18:10 IST

भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के गोगरा हाइट्स इलाके में अपने सैनिकों को हटाने पर सहमत हो गए हैं। पिछले साल शुरू हुए लद्दाख गतिरोध के बाद से यह दोनों पक्षों के बीच गतिरोध वाले क्षेत्रों में से एक था।

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पिछले साल शुरू हुआ था दोनों देशों के बीच सीमा विवाद

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की 12वें दौर की वार्ता में दोनों देश पूर्वी लद्दाख के गोगरा हाइट्स से सैनिकों को हटाने पर सहमत हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि 12वें दौर की वार्ता के दौरान दोनों पक्षों के बीच PP-17A से डिसएंगेज होने का समझौता हुआ। दोनों पक्षों के बीच अंतिम डिसएंगेजमेंट पर समझौता इस साल फरवरी में हुआ था। तब पैंगोंग झील के किनारे से सैनिकों को हटाने पर सहमति बनी थी।

दोनों पक्ष पीपी-15 (हॉट स्प्रिंग्स) और देपसांग सहित कुछ गतिरोध वाले बिंदुओं पर मुद्दे को हल करने के लिए अपनी बातचीत जारी रखेंगे। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चुशुल-मोल्डो में 31 जुलाई को दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई थी जिसके बाद उन्होंने 2 अगस्त को एक संयुक्त बयान जारी किया गया था। वर्तमान में एलएसी के पास संवदेनशील सेक्टरों में दोनों देशों के करीब 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं।

भारतीय और चीनी सेनाओं के शीर्ष कमांडरों के बीच शनिवार को नौ घंटे लंबी बैठक चली थी और इस दौरान खास तौर पर पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले बाकी बचे बिंदुओं से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित किया गया। बैठक के दौरान भारत ने हॉट स्प्रिंग, गोगरा और देपसांग में लंबित मुद्दों के समाधान पर जोर दिया था। इससे पहले 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी और यह बातचीत करीब 13 घंटे तक चली थी। 

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