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India and China: आज भारत और चीन के बीच छठी कोर कमांडर स्तर की बातचीत, MEA के संयुक्त सचिव रह सकते हैं मौजूद

Updated Sep 21, 2020 | 00:21 IST

India and China: भारत और चीन के बीच सोमवार को चुशुल/मोल्डो में कोर कमांडर स्तर की वार्ता होगी। ये छठी बैठक है। पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद को लेकर ये बैठक होनी है।

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लंबे समय से सीमा पर जारी है विवाद
मुख्य बातें
  • कोर कमांडर स्तर की वार्ता वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन वाले हिस्से मोल्डो में होगी
  • वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के शामिल रहने की संभावना है

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच सोमवार को छठी बार कोर कमांडर स्तर की वार्ता होनी है। बातचीत चीन वाले हिस्से की तरफ चुशुल-मोल्डो में होगी। इस दौरान विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव के मौजूद रहने की संभावना है। वार्ता सुबह नौ बजे शुरू होने वाली है। भारत इस वार्ता में कुछ ठोस नतीजे निकलने की उम्मीद कर रहा है।

भारतीय पक्ष का नेतृत्व 14 कोर के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह करेंगे, जबकि पीएलए मेजर जनरल लिन लियू द्वारा चीनी का प्रतिनिधित्व किया जाएगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में विदेश मंत्रालय (MEA) के संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव के साथ-साथ मेजर जनरल अभिजीत बापट और मेजर जनरल पदम शेखावत शामिल होंगे। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के महानिरीक्षक दीपम सेठ भी बैठक का हिस्सा होंगे।

भारत ने कहा है कि चीन को पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील क्षेत्र सहित टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए। साथ ही, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिशें नहीं करनी चाहिए। वहीं चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि सैनिकों को हटाना और सीमा क्षेत्रों में शांति बहाल करने की प्रक्रिया शुरू करना भारत पर निर्भर करता है। 

मास्को में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक से अलग 10 सितंबर को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ एक बैठक की थी, जिसमें सीमा विवाद के हल के लिये पांच सूत्री एक समझौते पर सहमति बनी थी। 

उल्लेखनीय है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैन्य कर्मियों के शहीद होने के बाद पूर्वी लद्दाख में तनाव कई गुना बढ़ गया। पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात भारतीय भूभाग पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद स्थिति एक बार फिर से बिगड़ गई। भारत ने पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी तट पर कई पर्वत चोटियों पर तैनाती की और किसी भी चीनी गतिविधि को नाकाम करने के लिये क्षेत्र में फिंगर 2 तथा फिंगर 3 इलाकों में अपनी मौजूदगी मजबूत की है। चीन फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच के इलाकों पर कब्जा कर रहा है। 

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